देहरादून। कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने अपने विधायक पुत्र संजीव आर्य के साथ सोमवार को कांग्रेस में वापसी की। यशपाल आर्य भाजपा की प्रांतीय कोर कमेटी के सदस्य भी थे। कांग्रेस ने अनुसूचित जाति के इन क्षत्रपों की वापसी करा राष्ट्रीय स्तर पर फिर संदेश दिया। इससे पहले पार्टी पंजाब में अनुसूचित जाति के चरणजीत सिंह चन्नी की मुख्यमंत्री पद पर ताजपोशी कर चुकी है।
कांग्रेस ने बीते दिनों भाजपा के हाथों अपना एक विधायक गवां दिया था। उत्तरकाशी जिले के पुरोला से विधायक रहे राजकुमार कांग्रेस का हाथ झंटककर भापजा में आ चुके हैं। भाजपा के इस प्रहार से तिलमिलाई कांग्रेस ने पलटवार किया है। नई दिल्ली में सोमवार को एआइसीसी मुख्यालय में पार्टी के केंद्रीय और राज्य के पदाधिकारियों की मौजूदगी में 69 वर्षीय यशपाल आर्य व संजीव आर्य कांग्रेस में शामिल हुए। इस मौके पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल, पूर्व मुख्यमंत्री व राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत, राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरेजवाला, प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह और प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल मौजूद रहे।
2022 के चुनाव से पहले कांग्रेस के इस कदम को पार्टी का जवाबी मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा हैं एक कैबिनेट मंत्री और एक विधायक को कांग्रेस ने अपने पाले में खींचकर उत्तराखंड में सियासी जंग को रोचक बना दिया है। चुनाव तक यह जंग ज्यादा रोमांचक होता दिखाई पड़ सकता है। कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य छह बार के विधायक तो हैं ही, राज्य में अनुसूचति जाति की सियासत में उनका बड़ा कद है। आर्य वर्तमान में ऊधमसिंह नगर जिले की बाजपुर सुरक्षित सीट से विधायक हैं।
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