आज निर्णय होगा कि ज्ञानवापी परिसर के सर्वे की रिपोर्ट को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) कोर्ट को सौंपेगा या और समय मांगेगा। बृहस्पतिवार शाम तक असमंजस था कि ASI अभी तक रिपोर्ट नहीं बनाया है और वह अधिक समय चाह सकता है।
विभिन्न स्थानों से आई टीमों और छुट्टीओं के कारण रिपोर्ट तैयार होने में देरी हुई है। ASI को शायद शुक्रवार को जिला जज की अदालत में रिपोर्ट देना असंभव होगा। AISI रिपोर्ट बनाने और प्रस्तुत करने के लिए अदालत से एक बार फिर अधिक समय की मांग कर सकता है।
21 जुलाई को, जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने ज्ञानवापी परिसर (सील वजूखाने को छोड़कर) का सर्वे करने का आदेश दिया। 24 जुलाई से ASI टीम ने सर्वे शुरू किया था। ASI ने दो नवंबर को अदालत को सूचित किया कि सर्वे पूरा हो गया है। रिपोर्ट बनाने के लिए और 15 दिन चाहिए। अदालत ने सर्वे रिपोर्ट को 17 नवंबर तक प्रस्तुत करने का आदेश दिया।
सर्वे में देशभर के पुरातत्व विशेषज्ञ शामिल हुए
ज्ञानवापी सर्वे टीम में देश भर से एएसआई के विशेषज्ञ शामिल थे। सारनाथ, प्रयागराज, पटना, कोलकाता और दिल्ली के पुरातत्व विशेषज्ञों ने डिप्टी डायरेक्टर डॉ. आलोक कुमार त्रिपाठी के नेतृत्व में सर्वे किया। जीपीआर तकनीक से अध्ययन करने के लिए हैदराबाद से एक दल विशेषज्ञ आया था।
दो बार रुक चुका है ज्ञानवापी सर्वे
- 24 जुलाई – ज्ञानवापी में सर्वे का काम शुरू हुआ व कोर्ट के आदेश के बाद रोक दिया गया
- 4 से 14 अगस्त तक- सर्वे का काम हुआ
- 7 सितंबर – मसाजिद कमेटी के विरोध के कारण ज्ञानवापी में सर्वे का काम नहीं हुआ
- 8 सितंबर – कोर्ट द्वारा सर्वे की समय सीमा चार हफ्ते बढ़ाया गया
- 6 अक्तूबर – ज्ञानवापी में सर्वे की समय सीमा चार हफ्ते और बढ़ाई गई
- 2 नवंबर- एएसआई ने बताया सर्वे पूरा हुआ। कोर्ट का 17 नवंबर तक रिपोर्ट देने का आदेश