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Uttarkashi Tunnel : मुख्यमंत्री धामी ने पीएम मोदी को बताया कि ऑगर मशीन में बाधा आई, ऑपरेशन रुका

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सिलक्यारा स्थित निर्माणाधीन टनल में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए ऑपरेशन सिलक्यारा में आई बाधा के बारे में जानकारी ली। CM ने उन्हें बताया कि इस्पात उत्पादों के ऑगर मशीन के सामने आने से कार्य में बाधा आई है, जो ठीक किया जा रहा है।

शुक्रवार को भी प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री को फोन पर सिलक्यारा टनल में फंसे 41 कर्मचारियों और उनके परिवारों के बारे में सूचना दी। मुख्यमंत्री ने बताया कि सुरंग न्यू ऑस्ट्रियन टनल मेथड से बनाई जा रही है। सुरंग में इस्पात की वस्तुओं की उपस्थिति से ऑगर मशीन को कुछ क्षति हुई है। इसका समाधान किया जा रहा है।

ऑपरेशन को कुछ समय के लिए रोका गया है क्योंकि मातली उत्तरकाशी में ही अस्थायी मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय बनाया गया था। प्रधानमंत्री ने सीएम से सुरंग के अंदर फंसे कर्मचारियों की स्थिति, खाद्य सामग्री और दैनिक आवश्यकताओं के बारे में पूछा। साथ ही राहत और बचाव कार्य में लगे कर्मचारियों की स्थिति और उनकी सुरक्षा के लिए किए जा रहे उपायों के बारे में पूछा।

उनका कहना था कि कोई कमी नहीं होनी चाहिए। उन्हें बचाव कार्य की प्रगति और विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय बनाने की रिपोर्ट मिली। सीएम ने कहा कि मातली, उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग में राहत और बचाव कार्यों की जमीनी स्तर पर निगरानी करने के लिए एक अस्थायी मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय बनाया गया है। इससे पूरा ऑपरेशन देखा जा सकेगा।

वैकल्पिक जीवन रेखा बनाई गई

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि सफलतापूर्वक छह इंच व्यास की पाइप लाइन बिछाने के बाद वैकल्पिक जीवन रेखा बनाई गई है। टनल में फंसे कर्मचारियों को ताजा पका भोजन, ड्राई फ्रूट्स, दूध, जूस, फल, ब्रश, तौलिया, छोटे कपड़े, टूथ पेस्ट, साबुन और अन्य दैनिक जरूरत की सामग्री बोतलों में पैक कर भेजा जाता है। SDRF कम्युनिकेशन सेटअप के माध्यम से कर्मचारियों से नियमित संवाद किया जा रहा है। श्रमिकों और उनके परिवार के सदस्यों को भी चर्चा की जा रही है।

पास के अस्पताल में 41 विशेष बेड बनाए गए

CM ने बताया कि सिलक्यारा में बनाए गए अस्थायी अस्पताल में तैनात डाक्टरों ने कर्मचारियों का स्वास्थ्य लगातार देख रहे हैं। एंबुलेंस से लेकर निकटस्थ अस्पताल में 41 विशेष बेड कर्मचारी तैयार हैं। मनोचिकित्सक भी टनल में फंसे कर्मचारियों को काउंसलिंग करते हैं।

एस्केप टनल और सुरक्षा कैनोपी भी बनाई

मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत और बचाव कार्यों में लगे कर्मचारियों की सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्री-कॉस्ट आरसीसी बॉक्स कल्वर्ट और ह्यूम पाइप से सुरक्षा कैनोपी और एस्केप टनल रेस्क्यू स्थल पर बनाई गई है। इससे किसी भी आपातकालीन परिस्थिति में सुरंग के भीतर रेस्क्यू टीम को सुरक्षित निकाला जा सकेगा। सुरक्षित रखने की अन्य आवश्यकताओं पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।


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