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Uttarakhand प्रदेश: प्राथमिक शिक्षक भर्ती पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा, दो लाख अभ्यर्थियों को इंतजार

सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को प्राथमिक शिक्षक भर्ती को लेकर तीन घंटे से अधिक समय तक सुनवाई हुई। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षक भर्ती के निर्णय को सुरक्षित रखा है। यूके उनियाल, उत्तराखंड के पूर्व महाधिवक्ता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता, कहते हैं कि दीपावली के बाद इस पर निर्णय हो सकता है।

उत्तराखंड में शिक्षक भर्ती का मामला पिछले काफी समय से सुप्रीम कोर्ट में है। यही कारण है कि राज्य में कई शिक्षक पदों पर भर्ती लटकी हुई है। NIOS से डीएलएड को शिक्षक भर्ती में शामिल करने का मामला है। 15 नवंबर 2021 को, NIOS से डीएलएड अभ्यर्थियों को शिक्षा विभाग में 2600 पदों के लिए चल रहे शिक्षक भर्ती में शामिल होने का आदेश दिया गया था। इस आदेश को बाद में सरकार ने रद्द कर दिया था। इस फैसले से नाराज अभ्यर्थी हाईकोर्ट गए।

सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई की मांग करने का आदेश

हाईकोर्ट ने इस मामले में एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला दिया था। बीएड अभ्यर्थी पहले हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गया था। 30 जून 2023 को, शिक्षा सचिव रविनाथ रमन ने शिक्षा निदेशक को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में जल्द सुनवाई के लिए प्रार्थना पत्र देने का आदेश दिया था। शासन ने कहा कि विद्यालयों में शिक्षक नहीं होने से छात्रों का भविष्य खराब हो रहा है।

फैसले का इंतजार कर रहे हैं दो लाख से अधिक अभ्यर्थी

उत्तराखंड में फैसला दो लाख से अधिक अभ्यर्थियों की प्रतीक्षा में है। NIOS से डीएलएड करने वाले करीब 37,000 विद्यार्थी राज्य में हैं। जबकि करीब डेढ़ लाख लोग बीएड की पढ़ाई कर रहे हैं। इसके अलावा, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान हर साल लगभग 650 अभ्यर्थियों को डीएलएड कोर्स देता है।

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को शिक्षक भर्ती मामले में सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा है। फैसला कभी भी आ सकता है। – आरके उनियाल, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक


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