राज्य सरकार ने बिजली चोरी करते हुए गिरफ्तार किए गए लोगों को राहत दी है। उनके बिल पर ब्याज व जुर्माने में 65 प्रतिशत की छूट है। ऐसे उपभोक्ता सिर्फ ३५ प्रतिशत जुर्माना देकर कानूनी कार्रवाई से बच सकते हैं।
लेकिन इस छूट का लाभ लेने के लिए वह 30 नवंबर तक अपने क्षेत्रीय उपकेंद्र पर पंजीकरण कराकर 35 प्रतिशत का भुगतान करना होगा। प्रदेश भर में लगभग छह लाख उपभोक्ता बिजली चोरी करते हुए गिरफ्तार किए गए हैं।
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बुधवार को कैंट उपकेंद्र, लखनऊ में पावर कॉर्पोरेशन की एकमुश्त समाधान योजना (UTS) का उद्घाटन किया। कैंट उपकेंद्र पर ब्याज माफी के लिए पहली बार पंजीकृत होने वाली छावनी क्षेत्र निवासी मीरा को छूट का लाभ देकर बिजली बिल दिया गया। उन्होंने इंजीनियरों और कर्मचारियों से कहा कि बिजली चोरी करने वालों को योजना से अवगत कराते हुए छूट का फायदा दें।
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक भवानी सिंह, खंगारौत, निदेशक वाणिज्य योगेश कुमार, मुख्य अभियंता सिस गोमती रजत जुनेजा, अधीक्षण अभियंता आरपी केन, अधिशासी अभियंता डीकेडी द्विवेदी, एसडीओ सौरभ चौधरी और पूर्व पार्षद संजय दयाल कार्यक्रम में उपस्थित थे।
तहसील रिकवरी नोटिस वापस
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि जिन लोगों पर काफी समय से बिजली चोरी का जुर्माना बकाया है, उनकी वसूली तहसील को सौंपी गई है। जिन बकायेदारों को तहसील से रिकवरी नोटिस प्राप्त हुआ है, वे चिंतित नहीं होना चाहिए।
बिजली चोरी के जुर्माने से छुटकारा पाने के लिए वे पंजीकरण करते ही तहसील की रिकवरी और पुलिस विभाग से भी नोटिस मिलेगा। बिजली चोरी के मामले में आवेदक को पंजीकरण के समय 10 प्रतिशत जुर्माना देना होगा और फिर 25 प्रतिशत बाद में देना होगा।
45 हजार रुपये में बिजली चोरी से छुटकारा पाने के लिए राम विशाल
पिछले महीने उतरेठिया उपकेंद्र क्षेत्र में बिजली चोरी करते हुए गिरफ्तार किए गए राम विशाल को लगभग 1.30 लाख रुपये की सजा सुनाई गई। पावर कॉर्पोरेशन की ओटीएस योजना के पहले दिन, राम विशाल बिजली चोरी के मामले में 45 हजार रुपये की सजा से छुट्टी मिली। वह बृहस्पतिवार को जुर्माना भरेंगे।