देहरादून । प्रदेश के कृषि, कृषि विपणन, कृषि प्रसस्करण, कृषि शिक्षा, उद्यान एवं फलोद्योग एवं रेशम विकास मंत्री सुबोध उनियाल ने नई दिल्ली स्थित एक स्थानीय होटल में कहा कि जैविक कृषि के प्रोत्साहन एवं विकास हेतु प्रयास किये जा रहे हैं। उत्तराखण्ड को आर्गनिक स्टेट के रूप में मॉडल स्टेट बनाने का लक्ष्य रखा गया है। उत्तराखण्ड को पूर्ण आर्गनिक स्टेट बनाने के लिए 2022 का लक्ष्य लिया गया है। प्रदेश में जैविक कृषि के प्रोत्साहन हेतु दीर्घकालिक लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं। जैविक उत्पाद परिषद, जैविक प्रमाणिकरण संस्था एवं अन्य सम्बन्धित संस्थानों की क्षमता में भी वृद्धि की जायेगी। पर्वतीय वर्षा पर आधारित क्षेत्रों को जैविक कृषि के अन्तर्गत लाया जायेगा। प्रदेश एवं देश के विपणन नेटवर्क विकसित होगा। जैव विविधता संरक्षण को प्रमुखता दी जायेगी। उन्होंने कहा राज्य में पर्वतीय जैविका उत्पाद मंडुवा, झंगोरा, रामदाना, सोयाबीन, बासमती, धान इत्यादि उत्पादों को कच्चे उत्पाद में तथा प्रसंस्कृत उत्पाद के रूप में निर्यात किये जाने की अपार संभावनाएँ हैं। इसके अतिरिक्त प्रदेश में स्थानीय फल-फूल माल्टा, पूलम, खुमानी, बुरांश के भी प्रसंस्कृत उत्पाद तैयार किये जाने की सम्भावनाएँ हैं। राज्य इस क्षेत्र में उद्यमियों को प्रयाप्त सहयोग देने के लिए तैयार हैं। जैविक कृषि कार्यक्रम को प्रभावशाली बनाने के लिए देश का प्रथम एन्ड्रायड एप विकसित किया गया है। जो कृषकों, उपभोक्ताओं, कृषि वैज्ञानिकों तथा प्रशासनिक अधिकारियों को आपस में जोडऩे का कार्य करेगा। जैविक कृषि से सम्बन्धित साहित्य को स्थानीय भाषा में तैयार कर कृषक समूहों में बांटा गया है।
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