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यूक्रेन के दर्द से छलका सबक

प्रधानमंत्री मोदी करेंगे बेड़ा पार
यूक्रेन की तबाही विकराल होती जा रही है। यूक्रेन झुकने को तैयार नहीं। रूस के रूकने का कोई मतलब नहीं है। भारत के विद्यार्थी चुन-चुनकर युद्धग्रस्त क्षेत्रों से निकालकर यूक्रेन की सीमाओं तक लाए जा रहे हैं। वहाँ से भारतीय विमान इन पीड़ित विद्यार्थियों को स्वदेश सुरक्षित ला रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कई मंत्रियों को यूक्रेन की सीमाओं पर भेजा हुआ है ताकि किसी भी भारतीय को सुरक्षित बाहर निकलने में तकलीफ न हो। हालाँकि, ऐसी स्थिति में तकलीफ तो हो रही है भारतीय विद्यार्थियों को। प्रधानमंत्री मोदी वाराणसी में यूक्रेन से सुरक्षित भारत लौटे युवा विद्यार्थियों से वार्तालाप करते हुए दोहरा रहे थे कि भारत में मेडिकल, इंजीनियरिंग और अन्य तकनीकि संस्थानों की संख्या तेजी से बढ़ाई जाएगी। सीटें अधिक से अधिक की जाएंगी। भारत सरकार इस नीति पर पहले से ही अमल कर रही है। उन्होंने नौजवानों से अपना दर्द भी बाँटा। उनका कहना था कि अगर आजादी मिलने के बाद ऐसे संस्थानों की संख्या पर्याप्त होती तो नौजवानों को अपने घर छोड़कर विदेशों में उच्च तकनीकि शिक्षा के लिए नहीं जाना पड़ता। ऐसी विकट स्थिति  पैदा  न होती। प्रधानमंत्री ने भारत लौटे इन विद्यार्थियों के अनुभव को बड़े ध्यान से सुना और आगामी वर्षों में तकनीकि शिक्षा के प्रचार प्रसार को व्यापक पैमाने पर अमली जामा पहनाने का वादा किया।

-सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला (वीरेन्द्र देव), पत्रकार, देहरादून।


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