-राष्ट्रीय कवि संगम नवम राष्ट्रीय अधिवेशन का समापन समारोह
-सिंगल यूज प्लास्टिक फ्री इन्डिया का संकल्प
-राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय कवि संगम जगदीश मित्तल जी और ओज कवि हरिओम पवांर जी गंगा अवार्ड से सम्मानित
ऋषिकेश (दीपक राणा) । आजादी के 75 वें अमृत महोत्सव के अवसर पर परमार्थ निकेतन में पर्यावरण, नदियों और माँ गंगा को समर्पित मासिक मानस कथा में आज परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय कवि संगम जगदीश मित्तल जी, ओज कवि हरिओम पवांर जी, राष्ट्रीय महामंत्री, डा अशोक बत्ता जी, पूर्व विधायक रूड़की, सुरेश जैन जी , श्रेत्रीय अध्यक्ष, अशोक गोयल जी, श्रीकान्त , क्षेत्रीय महामंत्री, प्रांतीय अध्यक्ष अशोक कुमार बिन्डलास जी ने सहभाग कर भारत को सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त करने का संकल्प किया। ओज कवि हरिओम पवांर जी एवं जगदीश मित्तल जी ने मानस कथाकार संत मुरलीधर जी महाराज को भगवान राम वनगमन यात्रा की दिव्य कृति भेंट की। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय कवि संगम जगदीश मित्तल जी और ओज कवि हरिओम पवांर को भारतीय संस्कृति के प्रति समर्पित कविता पाठ हेतु गंगा अवार्ड से सम्मानित किया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने के कहा कि राष्ट्रीय कवि संगम के सभी पदाधिकारियों और कवियों ने राष्ट्र जागरण का अद्भुत कार्य किया हैं वे सभी साधुवाद के पात्र हैं। स्वामी जी ने कहा कि वर्तमान समय में हमारे देश को लिंग आधारित हिंसा से आजाद करने की जरूरत है और इसके लिये कविताओं के माध्यम से राष्ट्र जागरण करना अत्यंत आवश्यक है। एनएफएचएस-5 (2019-21) के डेटा से पता चलता है कि 18-49 वर्ष की आयु के बीच 29.3 प्रतिशत विवाहित महिलायें वैवाहिक हिंसा (शारीरिक और यौन हिंसा) की शिकार हुयी है। 15 से 49 वर्ष की आयु की महिलाओं का 30 प्रतिशत हैं जिन्होंने शारीरिक या यौन हिंसा का अनुभव किया है। ये आंकडे भयभीत करने वाले है इसलिये कविताओं के माध्यम से समाज का चिंतन बदलने की जरूरत है। ओज कवि हरिओम पवांर जी ने कहा कि माँ गंगा के पवित्र पावन तट पर पूज्य स्वामी जी के सान्निध्य में कविता पाठ करना अपने आप में गर्व का विषय है। राष्ट्रीय कवि संगम के कवियों ने गंगा की लहरों के साथ अपने सूरों को पिरोने का अद्भुत कार्य किया है।