B. of Journalism
M.A, English & Hindi
सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला द्वारा रचित-
Virendra Dev Gaur Chief Editor (NWN)
जन सेवा समिति का नारा चाय से भगाएंगे सुबह का जाड़ा
चाय बन गई भाईचारे का आधार
ठिठुरन भरी सुबह में चाय की सुहानी धार
कुछ नहीं होगा ठंड से खाकर खार
सुबह की ठंड में मिलकर इस बार
सुबह-सुबह निकल पड़ेंगे मिलकर यार
शहर को लगे हम हैं एक परिवार
तरसे ना कोई चुल्लू भर गरम पानी और एक कप चाय के लिए दिलदार
रोज-रोज मनाएंगे हम सुबह-सुबह इतवार
सुबह-सवेरे की सबसे बड़ी जरूरत गरम चाय का कप मेरे यार
अस्पताल हो या फुटपाथ सुनो मेरी सरकार
चाय भेंट कर जताएंगे हर हाल में हम प्यार
जन सेवा समिति से कन्धे से कन्धा मिलाकर
कह रहे हैं अब लोग चाय-आन्दोलन आगे बढ़ाएंगे दमदार
वाह! गरम चाई सुबह-सुबह आई बनकर तू तमन्ना की रसधार।
-जय भारत जय-जन सेवा समिति का चाय आन्दोलन