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जमीन पर जन्नत: इस उत्तराखंड ट्रैक पर कुदरत का सौंदर्य देखकर आप अपने पैरों को रोक नहीं पाएंगे।

जमीन पर जन्नत: इस उत्तराखंड ट्रैक पर कुदरत का सौंदर्य देखकर आप अपने पैरों को रोक नहीं पाएंगे।

उत्तरकाशी, जो हिमालय की गोद में स्थित है, प्रकृति ने बहुत कुछ दिया है। इनमें से एक हर्षिल क्यारकोटी ट्रैक है। जो धरती पर स्वर्ग की भावना रखता है पिछले कुछ वर्षों से, प्राकृतिक फूलों से महकता यह ट्रैक रूट पर्यटकों का आकर्षण बना हुआ है। जहां देश भर से पर्यटक प्रकृति के बीच आराम करने आते हैं।

हर्षिल क्यारकोटी ट्रैक, जो समुद्रतल से लगभग 3480 मीटर की ऊंचाई पर है, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और मनोरम दृश्यों के लिए जाना जाता है। यह भागीरथी तट पर स्थित हर्षिल बेस कैम्प से शुरू होता है। यह 16 किमी लंबी सड़क मध्यम कठिनाई की है। इसे पूरा करने में छह से सात दिन लगते हैं।

मार्ग भोजपत्र, देवदार के घने जंगलों और सुंदर घाटियों से गुजरता है। क्यारकोटी बुग्याल (घास का मैदान) है। इस बुग्याल में पर्यटकों को प्राकृतिक फूलों की खुशबू और क्यारकोटी झील का सुंदर नजारा गर्मजोशी से स्वागत करता है।

इस ट्रैक रूट पर माउंट श्रीकंठ, हॉर्न ऑफ हर्षिल और बंदरपूंछ हिमालय की बर्फ से ढक गए हैं। यह ट्रैक रूट साहसी लोगों और प्रकृति प्रेमियों के लिए धरती पर स्वर्ग से कम नहीं है।

इस समय ट्रैकिंग करने का सबसे अच्छा समय है।

ग्रेट गंगोत्री एडवेंचर नामक ट्रैकिंग एजेंसी के संचालक सौरभ राणा ने बताया कि हर्षिल क्यारकोटी ट्रैक पर ट्रैकिंग करने के लिए वर्ष में चार महीने सबसे अच्छे हैं। प्री-मानसून सीजन (मई व जून) और पोस्ट-मानसून सीजन (सितंबर व अक्तूबर) इनमें शामिल हैं।

आप कैसे पहुंचे?

उत्तरकाशी तक पहुंचने के लिए ऋषिकेश रेलवे स्टेशन और जौलीग्रांट एयरपोर्ट दोनों निकटस्थ हैं। पर्यटक यहां से बस या टैक्सी से उत्तरकाशी और फिर करीब 85 किमी दूर हर्षिल जा सकते हैं। हर्षिल से ही हर्षिल क्यारकोटी ट्रैक की खोज होती है।


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