Breaking News
teacher day 54345

शिक्षक दिवस पर विशेष – उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पहले राज्यपाल पुरस्कार प्राप्त प्राथमिक स्कूल के शिक्षक थे महर्षि दयाधर बेंजवाल

teacher day 54345

-अनसूया प्रसाद मलासी –
गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागूं पाय,
बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो बताय।
समाज में अपने आचरण और छात्रों के प्रति समर्पण भावना से कार्य करने वाले दयाधर बेंजवाल को 1965 में जब उत्तर प्रदेश के राज्यपाल विश्वनाथ दास ने जब सम्मानित किया, तो कहा -” शिक्षक के रूप में आपको बहुत ख्याति मिली है। समाज में आप महर्षि के रूप में विख्यात हैं। अपने छात्रों के कल्याण के साथ-साथ आप ग्रामोत्थान के कार्य और शैक्षिक प्रयोगों में अभिरुचि रखते हैं। ऐसे शिक्षक को सम्मानित करते हुए मैं गौरवान्वित हूँ। ” वर्ष 1964 में उत्तर प्रदेश में उत्कृष्ट शिक्षक पुरस्कार शुरू होने के दूसरे वर्ष 1965 में पूरे प्रदेश से प्राथमिक और माध्यमिक तक 8 अध्यापकों को सम्मानित किया गया। इसमें प्राथमिक शिक्षक के रूप में एकमात्र शिक्षक, प्राथमिक स्कूल जलई विकासखंड अगस्त्यमुनि के प्रधानाध्यापक दयाधर बेंजवाल को राज्यपाल द्वारा पुरस्कृत और सम्मानित किया गया। तत्कालीन व्यवस्था में शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा लगातार स्कूलों में भ्रमण और वहाँ की गतिविधियां देखने के बाद अपनी रिपोर्ट शासन को भेजने के बाद ही पुरस्कार के लिए चयन होता था। वे उ. प्रदेश के पहले प्राथमिक शिक्षक थे, जिन्हें यह सम्मान मिला था।
विकासखंड अगस्त्यमुनि के बेंजी गाँव में 1905 में जन्मे दयाधर बेंजवाल जब 2 वर्ष के थे, तभी उनकी माता का देहावसान हो गया था। उनके पिता भजनी दत्त ज्योतिष के प्रकांड विद्वान थे। उन्होंने बालक की अच्छी परवरिश की तथा घर पर ही शिक्षा -दीक्षा शुरू कर दी। उनकी प्राथमिक शिक्षा मैकोटी तथा मिडिल नागनाथ से हुई। पश्चात मेरठ से अध्यापक प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद शिक्षा विभाग में अपनी सेवाएं दी।
उनके बारे में कहा जाता है कि वह जिस विद्यालय में रहे, वहाँ के बच्चे सामान्य ज्ञान, सांस्कृतिक कार्यक्रम, नैतिक शिक्षा और चित्रकारी में सर्वश्रेष्ठ रहे। वे जिन-जिन स्कूलों में तैनात रहे, उन स्कूलों के भवनों में उनकी चित्रकला प्रदर्शित होती थी। इसलिए उनकी लगन, निष्ठा को देखते हुए समाज ने उन्हें ‘महर्षि’ की उपाधि प्रदान की। वे ख्याति प्राप्त अध्यापक के साथ-साथ संस्कृत के प्रकांड विद्वान और विनम्र, सरल स्वभाव के व्यक्ति थे थे।
उनके पौत्र गिरीश बेंजवाल वर्तमान में अपने दादा के पद चिन्हों पर चलते हुए राजकीय प्राथमिक शिक्षा विभाग में अध्यापन कार्य कर रहे हैं। वे ख्याति प्राप्त रंगकर्मी, कवि और साहित्यकार भी हैं। वर्तमान में श्री गिरीश बेंजवाल राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय गिंवाला (अगस्त्यमुनि) में सहायक अध्यापक के तौर पर कार्यरत हैं और उनकी उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें भी कई सामानों से नवाजा जा चुका है।

teachers day


Check Also

केदारनाथ उपचुनाव को एक तरफा जीत रही भाजपा, विकास के नाम पर वोट करेंगे केदारवासी : गणेश जोशी

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने केदारनाथ उपचुनाव प्रचार के अंतिम चरणों में केदारनाथ विधानसभा के …

Leave a Reply