मोहत्तरमा शबनम लोन जी
अपनी वकालत और इस्लामियत की शबनमी चादर से ढक्कर
भारत विरोधी जो आग तुमने दिल में
छुपा रखी है वह तुम्हारे जिन्नाई तर्कों को
झुलसा कर रख देगी एक दिन।
तुम कुछ इतिहास के अनाड़ी पत्रकारों की आँखों में
झोंक रही हो कट्टर इसलामियत की धूल
ठीक उसी तरह जिस तरह
फारुक अब्दुल्ला का परिवार
मौजूदा मुख्यमंत्री कश्मीर का परिवार
अपने-अपने मोर्चों से हिला रहा है भारतीयता की चूल
हम जानते हैं जिहाद के शूल
सन सैंतालीस के बँटवारे की भूल
तुम्हारे दिल में बुरहान वानी के खिलते हैं फूल
उसके मामू हाफिज सईद के जूतों की चूमते हो तुम धूल
देखो वकील-ए-आजमा तुम भी औवैसी गैंग में शरीक हो
जिहाद की जो रवानगी तुम्हारे अल्फाजों-तेवरों में झलकती है
जिहाद की जो जलाऊ आग तुम्हारी आँखों से चमकती है
हमें सदियों से उससे जूझने की आदत है
हम बता दें तुम जिहाद हो तो हम श्री राम की औलाद हैं
जहन्नुम तक न छोड़ेंगे तुम्हे
तुम्हारे सर से जिहाद का भूत उतार कर ही छोड़ेंगे तुम्हे।
Virendra Dev Gaur
Chief Editor