राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस*.
शीघ्र आएंगे जादूगर सम्राट शंकर परमार्थ निकेतन स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में कवि सम्मेलन मंच से ‘पॉलिथीन हटाओ देश बचाओ’ का संकल्प*
सैकड़ों श्रद्धालुओं ने सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करने का लिया संकल्प
पॉलिथीन हटाओ-पर्यावरण बचाओ
ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के पावन सान्निध्य और मार्गदर्शन में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने ‘पॉलिथीन हटाओ देश बचाओ’ का संकल्प किया। इस अवसर पर महान जादूगर सम्राट शंकर जी, अग्रसेन विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री नन्दकिशोर गर्ग जी, राष्ट्रीय कवि संगम के अध्यक्ष श्री जगदीश मित्तल जी, श्री चतुर्भुज अग्रवाल जी, श्री रमेश अग्रवाल जी और विख्यात विभूतियों ने सहभाग किया। आज राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि आज के समय में हमें ऐसी तकनीक की जरूरत है जिससे पर्यावरण को खतरा नहीं बल्कि संरक्षण प्राप्त हो और इसके लिये हम सभी को फोर टी प्रोग्राम टाइम, टैलेंट, टेक्नोलॉजी और टेनासिटी अर्थात अपना समय, प्रतिभा, तकनीक और अपनी लगन व समर्पण के साथ राष्ट्र में सतत विकास के लिये जुड़ना होगा। स्वामी जी ने कहा कि आज भारत, नये भारत के निर्माण के दौर से गुजर रहा है। एक नई आबोहवा की तलाश में है। विकास और निर्माण की रफ्तार आज के दौर में स्पष्ट दिखायी दे रही है। नये भारत का निर्माण राजनैतिक सहभागिता, सशक्तिकरण और पर्यावरण संरक्षण के बिना सम्भव नहीं है। भारत को सशक्त और विकसित राष्ट्र बनाने के लिये हम सभी भारतीयों को मेहनत और लगन से लगातार प्रयास करने होंगे। जैसा विकास और राष्ट्र हम चाहते है वैसी ही तकनीक का निर्माण करना होगा। सतत विकास से युक्त राष्ट्र निर्माण के लिये देश के युवाओं को पर्यावरण संरक्षण से जोड़ना होगा। स्वामी जी ने युवाओं को संदेश देते हुये कहा कि हमें पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुये नये आविष्कार और नये अन्वेषण की ओर बढ़ना होगा तथा नवोदित आयामों को विकसित करते हुये हमारी प्राथमिकता सतत, सुरिक्षत और हरित विकास की हो। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पहली बार 11 मई, 1999 को मनाया गया था, इसका उद्देश्य भारतीय वैज्ञानिकों, इंजीनियरों की वैज्ञानिक और तकनीकी उपलब्धियों को याद करना है। आज के दिन 11 मई, 1998 भारत ने को पोखरण में परमाणु बमों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था।