नए मंदिर में भगवान श्रीराम सोने के आठ फीट ऊंचे सिंहासन पर बैठेंगे। राजस्थान में इसके लिए संगमरमर का सिंहासन बनाया जा रहा है। इस सिंहासन को सोने से ढक देंगे। 15 दिसंबर तक अयोध्या में पहुंच जाएगा। इसके अलावा, प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियों के दौरान राममंदिर की निर्माण प्रक्रिया को और तेज कर दिया गया है। जरूरत के हिसाब से कर्मचारियों की संख्या बढ़ा दी गई है।
यात्री सुविधा केंद्र के तीनों मंजिलों की छत पड़ चुकी है। सुरक्षा उपकरण भी लगाए जा रहे हैं। राममंदिर के परकोटा के प्रवेश द्वार का काम भी अंतिम चरण में है, यहां बस छत पड़नी है। यह काम भी नवंबर तक पूरा हो जाएगा। प्रथम तल के 17 स्तंभ लगाए जा चुके हैं। मात्र दो स्तंभ लगने बाकी हैं। उम्मीद है कि 15 दिसंबर तक प्रथम तल की भी छत पड़ जाएगी। प्राण प्रतिष्ठा से पहले राममंदिर का 70 फीसदी काम पूरा हो जाने की संभावना है।
यात्रियों की सुविधा केंद्र के तीनों मंजिलों पर छत लगी है। साथ ही सुरक्षा उपकरण लगाए जा रहे हैं। राममंदिर के परकोटा प्रवेश द्वार की मरम्मत भी अंतिम चरण में है, जहां सिर्फ छत लगनी है। भी नवंबर तक काम पूरा हो जाएगा। पहले तल पर 17 स्तंभ लगाए गए हैं। अब सिर्फ दो स्तंभ लग रहे हैं। प्रथम तल की छत भी 15 दिसंबर तक पड़ने की उम्मीद है। राममंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले 70 प्रतिशत काम पूरा होने की संभावना है।
सोने-चांदी की वस्तुएं गलाई जाएंगी
डॉ. अनिल, राममंदिर के ट्रस्टी, ने बताया कि रामभक्तों ने बहुत सारे सोने व चांदी के सामान भी दिए हैं। सोने-चांदी, ईंट, सिक्कों और अन्य धातुओं को गलाया जाएगा, जो संस्था की स्थापना और पहले दान में दी गई हैं। दान में दी गई वस्तुओं को सुरक्षित रखने में कई समस्याएं हैं। यही कारण है कि उन्हें गलाकर सुरक्षित रखा जाएगा। किसी प्रतिष्ठित संस्था के मार्गदर्शन में यह कार्य किया जाएगा।