(1)
योगी जी का योग मौर्य जी का शौर्य
वेद, भगवद्गीता और महाभारत ने दिया ज्ञान
नीति शास्त्र और पुराण बता रहे विज्ञान
रामायण और रामचरितमानस में चर्चित है मान
गऊ माता तो है साक्षात धर्म का प्रान
हिन्दू सनातन संस्कृति को अपनी धरोहर पर अभिमान
बिनु गऊ पूजा रहे अधर में पावन पूजा विधान
दानों में दान माना गया है गऊ माता का दान
गऊ के पावन आधार पर खड़ी है भारतीय संस्कृति महान
युग आए-गए पर रहा हमें सदा यह भान
हिन्दू हैं हम गऊ माता की हैं हम सनातन सन्तान
योगी जी आपने रखा तन-मन से ध्यान
1955 के कमजोर अधिनियम में डालकर आपने जान
चलाया हिन्दू संस्कृति की रक्षा के लिए जो राम-बान
याद रखेगा राम-कृष्ण संस्कृति वाला प्रत्येक जन आपका अभियान
अन्यथा लटक सकता था फिर पाँच सदी पुराना षड़यन्त्र बना रहा जो बलवान
आपकी श्री राम के चरणों में प्रीति हमारे लिए है वरदान
गऊ माता के चरणों में रमता है योगी जी आपका ध्यान
रामकृष्ण प्रदेश के सयाने लोग धन्य हैं जिन्हें मिला आप में भरत सा योगी महान
देश देख रहा है किस तरह पसीने में तर-ब-तर हैं आप सुबह-शाम
रामकृष्ण प्रदेश में वह सब हो रहा है जो आपसे पहले 25 सालों में भी नहीं हुआ
मोदी-शाह-योगी के इस युग में सशरीर उपस्थित होना है अपने आप में पुण्य काम
महाराज, क्यों नहीं समझ पा रहे लोग सैकड़ो बरसों से भारतीय संस्कृति रही लहूलुहान
अचरज नहीं कि कुछ लोग अदालत में जाकर आपकी ‘गऊ-सुनीति’ को ललकारें
आपकी सदाशयता और आपके सच के लिए हठ-योग को कम से कम हिन्दू तो स्वीकारें।
अस्सी के दशक से पहले
गुन्डागर्दी, लूटगर्दी, भ्रष्टाचार और रहा अराजकता का राज
जिसकी लाठी उसकी भैंस वालों का था ताज
आया फिर मौलवी-मुलायम जी का राज
जिसने दोहराया कुटुम्बवाद का राग
वही जात-पात और मजहब का अनुराग।
मायावती जी की तब देखी माया
जात-पात का रहा बवंडर छाया
कटुता और वैमनस्यता का नया दौर था आया
रामकृष्ण प्रदेश ने समाज में बढ़ता तनाव पाया
जात से जात टकराया
मजहब ने जो चाहा वह कर दिखाया
समरसता का पूरी तरह हो गया था सफाया
मौलवी मुलायम जी के सुपुत्र का युग आया
मौलाना-पंथ रहा हर जगह छाया
सनातन संस्कृति पर था खतरा मँडराया
अपने पिता की संकुचित-सोच में पूरा समय गँवाया।
वामपंथियों और संगी-साथियों ने मिलकर
फर्जी-सेकुलरवाद का चोगा सिलवाया
इस चोगे पर यह लिखवाया
कमलवादियों का सत्ता से दूर रखो साया
देश को इन लोगों ने जमकर भरमाया
वोटगर्दी का काला इतिहास रचाया
भारत की अस्मिता को बार-बार लुटाया
भारत की गरिमा को भी गिराया
बड़ी मुश्किल से है मोदी-युग आया
राम-लला को बन्धनों से है छुड़ाया
इसीलिए जिहादी-मानसिकता ने अपना असली चेहरा दिखाया
चार माह देश को जिहाद की आग में जलाया
आईएस आईएस वाली अपनी फितरत का हमें खुलकर अहसास कराया।
योगी जी पूरी दुनिया के जिहादी-आतंकी
गड़ाए हुए हैं रामकृष्ण प्रदेश पर गिद्ध की नजर
आने वाले साल भर के अन्दर-अन्दर
ये भरपूर कोशिश करेंगे रामकृष्ण प्रदेश के अन्दर
मचा दिया जाए कोहराम और भीषण बवंडर
दुर्भाग्य से भारत के लोगों की ज़हनियत नहीं है तैयार
समझने को ‘‘जिहादी-आतंक’’ का फसादी हथियार
चुनौती आने वाली है आपके लिए महाराज भंयकर
श्री अयोध्या की हार इनके लिए है प्रलयंकर।
(2)
दुनिया का प्रवक्ता हूँ
भाजपा कहती है बकता हूँ
मैं दुनिया का प्रवक्ता हूँ
माता जन्मी थी इटली में
पिता जन्मे थे भारत में
इसलिए मैं भारोपीय हूँ
पैदाइशी अन्तर्राष्ट्रीय हूँ
देश की सीमाओं से ऊपर उठा इन्सान हूँ
परनाना नेहरू जी का जिन्दा निशान हूँ
वे भारत माता वाली भावना से दूर थे
ड्रैगन के कब्जाए अकसाई-चिन को बंजर जमीन कहते थे
हिन्दी-चीनी भाई-भाई की रूहानियत में जीते थे
देश को जमीन के टुकड़े मानते थे
पलभर में भारत के हक़ को तकसीम कर देते थे
पड़ोसी का कब्जाया कश्मीर इसी फितरत का नतीजा है
मोदी भारत की जमीन को माँ- भारती की तरह पूजता है
जिसके चलते पड़ोसियों में खौफ और बेचैनी है
ये मोदी कम्यूनिस्टों को जीने नहीं देता
जिहादियों को चैन से सोने नहीं देता
विश्व कुटुम्बकम का गला घोंट दिया इसने
पूरे देश को गुजरात बना दिया इसने
पहले तो ये चाय वाला मौत का सौदागर था
अब ये साम्यवादियों और जिहादियों के खून का प्यासा है
ये देशभक्त बेतहाशा है
भारत के देशभक्त होते हैं भगवा-आतंकी
इसके लोग मुझे समझते हैं मंकी
मैं नहीं कहना चाहता किसी को डंकी
पर मोदी है एक कोरी नौटंकी
केरल तक खदेड़ दिया इस असहिष्णु ने मुझको
एमपी छीना, यूपी छीना, गोआ झपटा इसकी छाती में दिल है या टंकी।
-सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला, स्वतंत्र पत्रकार, देहरादून।