राम नहीं रामेश्वर नहीं
अल्लाह-हू-अकबर हर कहीं
वाह री कांग्रेस
वाह री सपा
वाह री बसपा
छातियों पर अपनी पोस्टर कर लो चस्पा।
राम इनके लिए किस्से-कहानी
रामेश्वरम सेतु पर करते आए ये बद-जुबानी
अमेरिका के वैज्ञानिकों ने अब-जब हकीकत है मानी
तो दाँतो तले उँगलियाँ दबा रहे ये सब अज्ञानी
दो हजार उन्नीस के चुनाव में याद करोगे अपनी नानी
वोटों के लिये देश की करते हो हानि
कट्टर मौलवी बन जाने में नहीं कोई तुम्हारा सानी
मुस्लिम तुष्टिकरण की ओछी राजनीति की कांग्रेस है नानी
देशभक्ति से बड़ी मुस्लिम भक्ति है तुम्हारे लिये जानी
राम की भ्रष्ट औलादो अब सर से ऊपर चला गया पानी
कश्मीर में जिहाद का ज़हर फैला तुम्हे नहीं कोई परेशानी
अरे तुम जानवर हो या कुछ और मुझे हो रही हैरानी
खैर मनाओ राम की लायक औलादों का खून ठंडा पड़ा है बने हैं अज्ञानी
वर्ना राम का देश राम की अयोध्या और एक मन्दिर पर बेहया खींचातानी
लानत है हम राम भक्तों पर लानत है हमारी जिंदगानी।
Virendra Dev Gaur
Chief-editor