हे शिव शम्भो
जय श्री राम
जय गुरु गोरखनाथ श्री धाम
श्री गुरु चरणों का आदेश मिला
मिला है मुझको जो भी काम
पूरा करना है मुझको हे श्री हरि चरण सुख धाम
उत्तर प्रदेश को मैं चाहूँ
‘‘राम-कृष्ण प्रदेश’’ का नाम
लखनऊ कहलावे लखनपुर
इलाहाबाद कहूँ मैं प्रयाग-राज शुभ नाम
फैजाबाद बने दशरथपुर अर्थवान।
कंस हुए
रावण हुए
दुशासन-दुर्योधन हुए
हुए खर-दूषण और ताड़िका बे-नाक हे राम
बिगड़ा प्रदेश छा गया जंगल राज सब ओर
चुन-चुन कर निकाल रहा हूँ काँटे
इनकी सत्ताओं ने जो घर-घर बाँटे
लड़ रहा हूँ
खट रहा हूँ
चकित भी हो रहा हूँ
किंतु हर पल उत्कंठित हो रहा हूँ श्री राम
जुटा हुआ हूँ बन्धुओ एक छोर से दूसरी छोर
विश्वास भरा है मन में होगी कभी सुनहरी भोर।
Virendra Dev Gaur
Chief Editor(NWN)