आतंकवाद नहीं कट्टर इसलामी आतंकवाद कहो
देश के मुखिया का पाकर संकेत
तीनों सेनाओं के मुखिया ने जल, थल और नभ समेत
दीपावली जैसा कर डाला उत्सव एक
चिनूक काप्टर से पुष्प-वर्षा का अभिषेक
सुखोई की गड़गड़ाहट के जोशीले स्वर अनेक
सेना बैंड के संगीत की गूँज धरती पर
पुष्प आए आकाश से लगाकर पर
पुष्प की पंखुड़ियों का लहराता स्वर
कोराना वीरों की खुशी से आईं आँखें भर
ऐसा साहस दिखाता जब देश का खेवनहार
भले ही प्रलय का मचा हो हाहाकार
तभी तो कर्मवीरों की तेज होती धार
विपदा से होता देश का उद्धार
यही होते हैं लक्षण जीत के दमदार
होती विपदाओं की करारी हार
देश में दिखता उत्साह का ज्वार
चल पड़ता कर्म पथ पर हर नर-नार
करेंगे हम सब मिलकर चुनौती का यह विशाल मरुस्थल भी पार।
किन्तु देश मेरा क्यों ढो रहा झूठ का भार
पड़ोसी जेहादिस्तान कर रहा वार पर वार
सशस्त्र जिहाद चला रहा वह भारत से खाकर खार
केवल आतंकवाद मत ठहराओ इसको यार
सशस्त्र-जिहाद होता है आतंकवाद से कई गुना खूंखार
हमारे इस झूठ का जेहादिस्तान उठा रहा फायदा धुँआधार
जेहाद भारत को तोड़ चुका है तीन बार
पहला 1947 वाला वार
दूसरा 1971 वाला वार
1971 में जेहादिस्तान नहीं टूटा
1971 में भी भारत ही था टूटा
कृपया, ठीक करो अपना तथ्यहीन नजरिया
इतिहास नहीं समझते तो सीख लो किसी समझदार से
देश की भलाई के लिए सीखने में शर्म नहीं
शर्म होती हैं देशविरोधी नासमझी में।
आधा कश्मीर हथिया कर किया जिहाद ने तीसरा वार
बाकी का कश्मीर रखा उसने हम पर उधार
भला हो मोदी जी और शाह जी का जो जिहाद का वार कर दिया आधा बेकार
धारा 370 को कर डाला दोनों ने तार-तार
श्रद्धांजलि दी लौह पुरुष पटेल जी को दोनों ने शानदार
किन्तु जब तक जेहादिस्तान होगा नहीं चार-पाँच हिस्सों में तकसीम, सुनो यार
तब-तक यह मुल्क सशस्त्र-जिहाद का बना रहेगा नम्बर-वन सरदार
कोरोना-षडयंत्र ने ड्रैगनिस्तान को कर डाला बे-पर्दा- हे संसार
इस देश पर नकेल डालो मिलकर ऐ प्यारे-संसार
इसे करो बाहर सुरक्षा परिषद की स्थाई सदस्यता से तुरन्त
इसके विस्तारवाद की हवस का कर दो अब अन्त
हे भारत! आने वाली पीढ़ियों के कल्याण के लिए जेहादिस्तान के तोड़ डालो विष-दन्त।
धन्यवाद सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला, स्वतंत्र पत्रकार, देहरादून।