देहरादून (नेशनल वार्ता)। वरिष्ठ भाजपा नेत्री पूनम ममगई को यकीन है कि मातृ शक्ति को सम्मान देने के क्रम में उनके समर्पण और निष्ठा को ध्यान में रख भाजपा धर्मपुर सीट से उन्हें उम्मीदवार बनाने पर विचार कर सकती है। 45 वर्षीय पूनम स्नातक हैं और सन् 2005 से भाजपा महिला मोर्चा में सक्रिय रही हैं। 1994-95 में कर्णप्रयाग विधानसभा क्षेत्र में वे कार्यकर्ता के रूप में सक्रिय रहीं और अपने दायित्व का बाखूबी निर्वहन करती रहीं। यही नहीं 2007 में वे जिला पंचायत सदस्य के रूप में भाजपा की अधिकृत प्रत्याशी भी रह चुकी हैं। 2008 में उनकी कर्मठता को देखते हुए उन्हें भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश कार्यकारिणी में सक्रिय सदस्य के रूप में शामिल किया गया। इसके बाद वे तीन वर्षों तक उत्तराखण्ड सरकार राष्ट्रीय सेवा योजना राज्य सलाहकार समिति की सदस्य नामित की र्गइं। ये कुछ तथ्य ही उनकी समर्पण भावना का ठोस प्रमाण हैं। उन्हें उनकी इसी छवि के मद्देनजर उत्तराखण्ड सरकार द्वारा राज्य एड्स काउन्सिल में भी सदस्य के रूप में नामित किया गया था। 2009 में उन्हें भाजपा महिला मोर्चा का पछुवादून से प्रभारी बनाया गया। पूनम ममगई मूल रूप से राज्य आन्दोलनकारी हैं और वे तमाम समाजसेवी संगठनों से निरन्तर जुड़ी हुई हैं। धर्मपुर विधानसभा में इन्हें भाजपा सदस्यता सहप्रमुख दायित्व कुशलता के साथ निभाते हुए सभी ने देखा है। उत्तराखण्ड लोक संस्कृति के विकास और प्रचार-प्रसार में इनकी अनवरत भूमिका से हम सभी परिचित हैं।
पूनम ममगई के व्यक्तिव्व और कार्यकलापों को खंगाला जाए तो उनके अन्दर कर्मठता और उत्साह का भण्डार है। सुनने में आ रहा है कि वे धर्मपुर विधानसभा सीट से वे चुनाव लड़ना चाहती हैं। धर्मपुर विधानसभा के जागरूक मतदाता उन्हें बेझिझक मन से स्वीकार भी कर सकते हैं। क्योंकि वे कर्मठता में किसी से पीछे नहीं हैं। उनकी उम्र लगभग 45 वर्ष है और उन्हें सामाजिक-राजनैतिक और प्रशासनिक तानेबाने की जानकारी भी है। वे राज्य प्राप्ति के लिए चले आन्दोलन में भी गम्मीरता से जुड़ी रहीं। उनके अन्दर लगन की कोई कमी नहीं है। धर्मपुर विधानसभा के नौजवानों में वे लोकप्रिय प्रत्याशी के रूप में अपना असर छोड़ सकती हैं। राज्य की सांस्कृतिक धरोहर पर उनकी अच्छी खासी पकड़ है। उनका व्यक्तित्व भी आकर्षक है और उनके अन्दर लोगों के काम आने की भावना भी मौजूद है। ऐसा लग रहा है कि इस जुझारू नौ जवान महिला नेत्री की प्रतिभा को ध्यान में रखते हुए भाजपा के जिम्मेदार लोग इनकी उम्मीदवारी पर प्रमुखता से विचार करेंगे। इन्हें महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता के लिए भी जाना जाता है। शायद, इसीलिए इन्हें 2006 में महिला सशक्तिकरण दिवस के अवसर पर स्वयं महिला कल्याण विभाग द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। जनपद पौड़ी के दूरदराज के इलाकों में जन कल्याण योजनाआंे के कैम्पों में इनकी सक्रियता भी लोग देख चुके हैं। हम ऐसी संघर्षरत ऊर्जावान महिला नेत्री की दावेदारी का समाचार सुनकर प्रसन्न हैं।
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