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-स्वास्थ्य विभाग ने रिम्स प्रबंधन को लिखा पत्र
रांची । झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में बांयी किडनी का स्टोन निकालने की जगह दांयी किडनी का ऑपरेशन करने के मामले में दोषी डॉक्टरों से तीन लाख रुपये की वसूली कर पीडि़त महिला को दिया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग ने रिम्स प्रबंधन को पत्र लिखकर मामले में दोषी यूरोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ अरशद जमाल एवं पूर्व सीनियर रेजीडेंट डॉ अशरफ से तीन लाख रुपए की वसूली करने को कहा है.
बता दें कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने रिम्स प्रबंधन को तीन लाख रुपए वसूल कर मरीज को देने का निर्देश दिया था. लेकिन रिम्स प्रबंधन द्वारा इस मामले में कार्रवाई नहीं किए जाने के बाद विभाग ने उक्त राशि वसूल कर विभाग को सूचित करने को कहा है.
क्या है पूरा मामला?
मामला जुलाई 2017 का है. रांची के बोरेया निवासी प्रदीप कुमार की पत्नी गुडिय़ा की बाईं किडनी में पथरी थी, लेकिन रिम्स के यूरोलॉजी डिपार्टमेंट में डॉक्टरों ने उसकी दाहिनी किडनी का ऑपरेशन कर दिया. जब मामला तूल पकडऩे लगा तो डॉक्टरों ने मरीज को रिम्स से हटाकर जोड़ा तालाब स्थित लेक व्यू नर्सिंग होम में भर्ती करा दिया. वहां भी जब इस कारनामे की पोल खुलने लगी तो मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया.
2019 में दोनों डॉक्टरों पर केस दर्ज
इस मामले में रिम्स के ही एक डॉक्टर ने रिम्स के तत्कालीन प्रभारी निदेशक डॉ आरके श्रीवास्तव से शिकायत की थी. जिसके बाद दोनों आरोपी चिकित्सकों को निलंबित कर दिया गया. मामले की शिकायत एनएचआरसी से भी की गई. एनएचआरसी ने रिम्स प्रबंधन की कार्रवाई पर ऐतराज जताते हुए सीआईडी को आपराधिक मुकदमा दर्ज कर उच्च अधिकारी से जांच कराने का निर्देश दिया था. दो साल बाद जून 2019 को सीआईडी की ओर से दोनों डॉक्टरों के खिलाफ केस दर्ज किया गया