मोदी ने मुमकिन बनाया
-नेशनल वार्ता ब्यूरो-
मोदी ने मुमकिन बनाया यूक्रेन का हर भारतीय सुरक्षित भारत आया। केवल एक को आप्रेशन गंगा नहीं बचा पाया। लेकिन मोदी का समूचा विपक्ष इस बड़ी सफलता को नहीं पचा पाया। यही बड़ी सफलता मोदी ने जिहादी तालिबान के कब्जे में आ गए अफगानिस्तान के भारतीयों को सुरक्षित लाकर हासिल की थी। गुरु ग्रंथ साहिब की कापियों को सर पर रख कर था भारत मंगाया। बदले में सरदार बहुसंख्यक पंजाब ने प्रधानमंत्री मोदी को पंजाब में घुसने से रोका। ऐसा करके पंजाब के सरदारों ने नालायकी वाला पराक्रम था दिखाया। इसके बावजूद मोदी का मन नहीं मुरझाया। माँ भारती के इस लाल का कितना ही अपमान कर लो यह लाल भारत के मस्तक को उठाएगा और भारत को संसार में अग्रिम पंक्ति में खड़ा करके ही दम लेगा। विपक्षियों की स्वार्थी और संकीर्ण सोच से टकराने का नहीं है मोदी के पास समय। जब यूक्रेन पर रूस के ताबड़तोड़ हमले चल रहे थे और वहाँ हाहाकार मचा हुआ था तब मोदी संसार का एकमात्र ऐसा नेता था जिसने यूक्रेन में फँसे नौजवानों को वापस लाने का बीड़ा सबसे पहले उठाया और यूक्रेन के पड़ोसी मुल्कों से तारतम्य बैठाकर सबको वापस लाए। केवल एक को न बचा पाए। इस भागीरथ कार्य के लिए मोदी ने सुपर-30 की एक टीम बनाई और इस पेचीदा अभियान को सफल बनाया। अपने काबीना मंत्रियों को यूक्रेन के पड़ोसी मुल्कों में भेजा और वहाँ की सरकारों से तालमेल बिठाकर युद्ध के घमासान के बीच यह बड़ी सफलता हासिल की। यह सफलता अफगानिस्तान से भारत लाए गए भारतीयों वाली सफलता से ज्यादा पेचीदा थी। किन्तु मोदी ने दोनों विपदाओं में वह मुमकिन कर डाला जो और किसी के लिए संभव नहीं था। ऐसी ही सफलता मोदी सरकार ने 2017 में हासिल की थी। जब स्व0 सुषमा स्वराज विदेश मंत्री हुआ करती थीं। जब उनसे इस सफलता के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने 8 जून 2017 को ट्यिूटर पर जवाब दिया था ‘‘अगर आप मंगल ग्रह पर भी फँस जाएं तो भारत के राजदूत आपको वहाँ से भी सुरक्षित ले आएंगे’’। अफगानिस्तान से भी 2021 में भारतीयों को लाने के लिए आप्रेशन देवशक्ति चलाया गया था जो सफल रहा था। 2020 में कोविड आपदा के कारण ‘‘वन्देमातरम मिशन’’ चलाया गया था। जिसके तहत भारतीयों को विदेशों से भारत वापस लाया गया था और उनकी जान बचाई गई थी। मोदी के नेतृत्व में इस तरह के बड़े-बड़े अभियान भारत को चलाने पड़ें और इन अभियानों में भारत को आशातीत सफलता मिली है। इन सफलताओं की चर्चा भारत के अन्दर भले ही कोई न करे किन्तु विदेशों में इन सफलताओं की खूब चर्चा हुई है। जिसके फलस्वरूप मोदी का विदेशों में कद बढ़ा है। भारत में तो सदैव उनकी आलोचना ही होती रही है और होती रहेगी। बहरहाल, आप्रेशन गंगा सहित सभी सफल आप्रेशनों के लिए प्रधानमंत्री मोदी साधुवाद के पात्र हैं। – सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला, देहरादून
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