रोजी रोटी छिनने से हजारों परिवार पहुंचे भुखमरी की कगार पर
कानपुर (नेशनल वार्ता ब्यूरो) । सैकड़ों साल से आटो और टैक्सियां चलाकर चालक अपने परिवार का गुजर बसर करते आ रहे हैं। आटो और टैक्सी स्टैण्ड पर खड़ा करने के एवज में वे प्रति वर्ष आटो के लगभग 300 रूपये और टैक्सी के 600 रूपये रेलवे को अदा करते थे। लेकिन नये ठेकेदार को टेण्डर आवंटित होने पर उक्त वाहनों से प्रति वर्ष आटो के 10000/- रूपये एवं टैक्सी के 20000/- वसूलने की तैयारी ठेकेदार कर रहा है। जोकि यह राशि इन गरीबों के लिए उचित नहीं है। न देने की स्थिति में इन्हें स्टैण्ड से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है तथा पुलिस से प्रताडि़त किया जा रहा है। इसके लिए आटो और टैक्सी चालकों ने धरना प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। उन्होंने केन्द्र सरकार व रेल मंत्री से अपील की है कि ठेकदार की मनमानी पर अंकुश लगाएं तथा पुराने दर पर आटो व टैक्सी चालकों को गाड़ी चलाने की अनुमति दी जाए।