(नेशनल वार्ता ब्यूरो)
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में अमरनाथ यात्रियों की बस पर हुए आतंकी हमले में 7 यात्रियों की मौत हो गई है और 19 से ज्यादा घायल हुए हैं। यह मंजर और ज्यादा भयावह होता अगर बस का ड्राइवर सलीम हिम्मत नहीं दिखाता। हमले के बाद बस में सवार यात्रियों के बयान के अनुसार उनकी बस अनंतनाग से 2 किमी दूर पंचर हो गई थी, जिसे बनाने में देर हो गई। जैसे ही बस निकली आतंकियों ने हमला कर दिया। बस के एक यात्री के अनुसार वो लोग 5-6 की संख्या में थे और ताबड़तोड़ गोलियां बरसा रहे थे। हमने ड्राइवर से कहा की बस भगाता रह। वहीं एक अन्य यात्री योगेश के अनुसार बस निकलते ही अचानक गोलियां बरसनी शुरू हो गई और हमारे ड्राइवर सलीम ने हिम्मत दिखाते हुए बस नहीं रोकी। आतंकी मिलिट्री कैंप तक बस पर गोलियां दागते रहे। यह चमत्कार ही है कि इतने लोगों में से 7 लोगों की मौत हुई और बाकि बच गए।
नियम विरुद्ध हाईवे पर गई बस
पुलिस के अनुसार बस नियम विरुद्ध सात बजे के बाद हाईवे पर गई। सात बजे बाद हाईवे पर यात्रा की अनुमति नहीं है। जानकारी के अनुसार यह बस रजिस्टर्ड नहीं थी। रोड ओपनिंग पार्टी, जिसके जरिए लोगों की जिंदगी बचाई जा सकती थी वो 7:30 बजे वापस आ गई थी। बस पर हमला 8.20 बजे बैटनगो में हुआ जब वो तीर्थयात्रियों को दर्शन करा के बालटाल से मीर बाजार लौट रही थी।
गुजरात के वलसाड की थी बस
हमले की शिकार बस 2 जुलाई को वलसाड से निकली थी। बस में यात्रियों के साथ इसके मालिक हर्ष भी शामिल थे। बस में सभी श्रद्धालु गुजरात के हिम्मतनगर के बताए गए हैं। मृतकों में पांच महिलाएं और दो पुरुष श्रद्धालु शामिल हैं।