एबी पी चैनल के सरताज
ऐसे चलाते हो पत्रकारिता का काज
कहते हो दोनों पक्षों से चली गोलियाँ
दुनिया ने देखा चंदन और राहुल को लगी गोलियाँ
फिर कहाँ है किसी दूसरे पक्ष की लाश
चंदन और राहुल शहीद हो गए
बताओ उस चौक पर कहाँ गईं बाकी की लाश
जानी बालक हो अभी पत्रकारिता में
कासगंज मामले में अन्तर-आत्मा से पूछ लेते काश।
जानी बताओ-समझाओ कट्टर मुस्लिमों को आज
तिरंगे की ‘केसरिया-धारी’ के गेरुआ यानी भगवा का राज
जब तिरंगे में भगवा पावन हो सकता है
तो फिर भगवा झंडा कैसे हुआ अपावन नासाज
तुमने तिरंगे के साथ भगवे झंडे को बताया फसाद का राज
भगवे से जानी इतनी नफरत है तो चले जाओ जिहादिस्तान तुम आज
वहाँ फाड़ना अपना गला दिखाना यही अंदाज
स्टूडियो में ही फाड़ दिये जाओगे मिट जाएगी तुम्हारी खाज
अरे कम्यूनिस्टो बिन पेंदी के लोटो इतिहास को टटोलो आज
भारत की ए बी सी डी जानते नहीं हो
बने फिरते हो ए बी पी चैनल सरताज
मोदी राज में तिलमिला रहे हो
योगी पर गिराओगे तुम झूठ की गाज
जानी पत्रकारिता बच्चों का काम नही हैं
देश पर मर मिटने की कसम लो आज।
Virendra dev gaur
chief editor