नई दिल्ली (नेशनल वार्ता ब्यूरो) । देश के १४वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद रामनाथ कोविंद ने अपने पहले संबोधन में कहा कि विचारों का सम्मान करना लोकतंत्र की खूबसूरती है। उन्होंने कहा कि विविधता हमें दूसरों से अलग बनाता है. हम बहुत अलग हैं लेकिन एक हैं और एकजुट हैं. भारत आज युवा है इसलिए हर युवा राष्ट्र का निर्माता है, खेतों में मेहनत कर रहा किसान राष्ट्र का निर्माता है सीमा पर जवान आतंकवाद से लड़ रहा है और देश की सुरक्षा में खड़ा है वह राष्ट्र का निर्माता है, एक शिक्षक और एक वैज्ञानिक राष्ट्र का निर्माता है। खेत में काम करने वाली महिलाएं भी राष्ट्र की निर्माता हैं। उन्होंने अपने सम्बोधन में देश के हर उस क्षेत्र को छुआ जहां से राष्ट्र का निर्माण हो रहा हैं और विकास हो रहा है।