ऋषिकेश, 15 अगस्त। आज स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर परमार्थ निकेतन के पवित्र प्रांगण में परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने भारत का राष्ट्रीय ध्वज तथा सभी भारतीय की शान और गौरव का प्रतीक तिरंगा फहराया कर अखंड भारत-समृद्ध भारत का संदेश दिया।
पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि भारत ने हमेशा से शान्ति, एकता और वसुधैव कुटुम्बकम अर्थात विश्व एक परिवार का संदेश दिया। उन्होंनेे आजादी के 74 वें वर्ष की सभी देशवासियों को शुभकामनायें दी और कहा कि आजादी के बाद 73 सालों तक भारत ने अनेक उपलब्धियाँ हासिल की और सफलता का परचम लहराया। हम सभी भारतवासी आज तिरंगा लहरा कर आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अपना योगदान प्रदान करें। आज हम सभी देशवासी संकल्प लें कि हम अपने वतन को चमन बनाने के लिये, वतन में अमन लाने के लिये तथा देश की एकता और अखंडता के लिये मिलकर कार्य करेंगे। पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि देव भक्ति अपनी-अपनी हो सकती है पर देश भक्ति सबकी एक हो।
पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि भारत की महान, विशाल और गौरवशाली विरासत है।हमें इस देश की विशालता, विरासत में मिली है अतः इस विरासत को सियासत में, बदले की भावना में और मेरा-तेरा में न खोयें, बल्कि सियासत को, तेरे-मेरे को भूलकर ईमानदारी और वफादारी के साथ अपनी गौरवशाली विरासत को सम्भालें। उन्होंने कहा कि यह इस देश का सौभाग्य है कि आज हमारे पास ओजस्वी, तपस्वी और यशस्वी कर्मयोगी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का नेतृत्व है जिनका मंत्र ही है सबका साथ-सबका विकास। उनकी रहनुमाई में इस देश ने विश्व स्तर पर अपनी उत्कृष्ट पहचान बनायी है। अब हम सब मिलकर भारत को आत्मनिर्भर भारत बनाने में योगदान प्रदान करें। भारत, आत्मनिर्भर तभी बन सकता है जब हमारे गांव आत्मनिर्भर होंगे इसलिये आईये हमारे बच्चों को आत्मनिर्भर बनायें तभी गांव आत्मनिर्भर बनेगा और फिर हमारा राष्ट्र आत्मनिर्भर राष्ट्र बनेगा।
पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने आज इस अवसर पर राष्ट्र की एकता, अखंडता, समरसता, सहिष्णुता और देश की रक्षा के लिये अपने प्राणों की आहूति देने वाले जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। आज इस राष्ट्रीय पर्व पर देश वासियों का आह्वान करते हुये कहा कि राष्ट्र भावना और राष्ट्रीयता की मशाल को अपने दिलों में जागृत रखे ताकि भारत की अस्मिता पर कभी आंच न आने पाये। जश्न ए आजादी के अवसर पर हम सभी में नई ऊर्जा, नई उम्मीद, नया विश्वास और नया संकल्प उभरे और भाईचारा कायम रहे।
साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि भारत के पास विज्ञान है, तकनीकी है परन्तु उससे भी बड़ी चीज है ’एकता, संस्कार और संस्कृति। उन्होने कहा कि स्वतंत्रता का मतलब है हमारे अन्दर जो बाॅर्डर, बाउंड्री और सेपरेशन है मुक्त होना, स्वतंत्र होना ही सच्चे अर्थों में हमारी स्वतंत्रता है। आज पूरे विश्व को सबसे ज्यादा जरूरत है एकता की आईये अपने दिलों में एकता के दीपों को हमेशा जलाये रखने का संकल्प लें।
परमार्थ निकेतन में सोशल डिसटेंसिंग का पालन करते हुये ध्वजारोहण किया। परमार्थ निकेतन के ऋषिकुमारों ने देशभक्ति संगीत से पूरे परिसर को जोश और उमंग से भर दिया। स्वामी जी ने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें ताकि स्वयं को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सके।
आज के पावन अवसर पर पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कोरोना वाॅरियर्स और हमारे देश के वीर जवानों की सेवा और साधना को नमन किया।
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