जिस देश में सिद्धू रहता है
उस देश में पौरुष रहता था
दुनिया को झुकाया सिकन्दर ने
पौरुष हारा था सिकन्दर की सेना से
राजा अम्भि की गद्दारी से
सिकन्दर हारा था पौरुष से
हिन्दू-पौरुष के नैतिक बल से।
सिद्धू भाई पौरुष तब न तो पंजाबी था
तब वह न तो सरदार ही था
वह हिन्दू था और आपका हमारा असरदार पूर्वज है
पौरुष मौत को हराकर जीता था
सिकन्दर का हौंसला पौरुष ने तोड़ा था।
पर आपके लिये तो सिद्धू भाई
राजनीतिक दल क्रिकेट की बॉल और बल्ला हैं
एक दल को बल्ला बनाकर दूसरे दलों की बॉल को
धुन डालते हैं आप
आप घड़ी-घड़ी खड़े-खड़े बल्ला-बॉल बदलते रहते हैं
किसका बैट नहीं थामा आपने
किसकी बॉल को नहीं धुना आपने।
सिद्धू भाई बैट-बॉल के खेल से बाहर निकलो
शेर-ओ-शायरी की फिल्मी अदा को छोड़ो
भारत माता को आप जैसे होनहारों की ज़रूरत है
मुस्लिमों को आई एस आई एस के रास्ते जाने से रोको
देश को खालिस्तानी सोच से उबारो
देश से नक्सलवाद का खात्मा करो
अरे भाई कुछ तो करो
हा हा ही ही हू हू तो मसखरों का काम है।
कपिल शर्मा के बिना देश चल आएगा
पर मोदी जी योगी जी केजरीवाल जी
कैप्टन अमरिन्दर सिंह जी और सिद्धू जी
देश के लिये आप सब ज़रूरी हैं कब समझेंगे आप
जानी भाई जी खिलो तो गुलाब का फूल बन कर खिलो
लैंटाना का फूल बनकर नहीं।
Virendra Dev Gaur
Chief Editor