जो देहरादून आवे लच्छीवाला नेचुरल पार्क जरूर जावे
नेशनल वार्ता ब्यूरो
अब लच्छीवाला पुराना लच्छीवाला नहीं रहा जहाँ अराजक तत्वों का राज रहता था। अब तो लच्छीवाला सभ्य लोगों के लिए मनमोहक पर्यटक स्थल में बदला जा चुका है। अब वहाँ मायूसी हाथ नहीं लगती खुशी की लहर दौड़ती है मन में। कायाकल्प हो चुका है लच्छीवाला पर्यटन स्थल का। सही मायने में अब लच्छीवाला राज्य का जाना-माना स्थल बन चुका है जो दूसरे राज्यों के पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित कर रहा है और दूसरे राज्यों से पर्यटकों ने आना भी शुरू कर दिया है। वजह यह है कि मौजूदा सरकार ने अपना पिछले कार्यकाल में इस प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर स्थल को उत्तराखण्ड की धरोहर स्थलीय का स्वरूप भी दे दिया है। पाँच-सात साल पहले ऐसा नहीं था। अब आपको वहाँ एक साफ पानी की नदी तो मिलेगी ही उस नदी की स्वच्छता बरकरार रखने के लिए तमाम कोशिशें भी नजर आएँगी। वहाँ आपको उत्तराखण्ड का संस्कृति स्थल भी नजर आएगा। जहाँ आप उत्तराखण्ड की संस्कृति का सटीक अनुमान लगा सकते हैं। प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक धरोहर का संगम आपको लच्छीवाला में देखने को मिलेगा। जो एक बार चला आए तो वह लच्छीवाला बार-बार आना चाहेगा। अब वहाँ आपको अनुशासन भी दिखाई देगा। आप अपनी मर्जी से कही भी कचरा नहीं फैक सकते। उत्तराखण्ड के जनमानस की झलक वहाँ पाई जा सकती है। केवल 20 रूपये के टिकट में आप वहाँ संग्रहालय का आनंद भी उठा सकते है। लच्छीवाला, देहरादून घंटाघर से लगभग 18 किमी के फासले पर है। जबकि डोईवाला की सीमा पर स्थित है। देहरादून और हरिद्वार ही नहीं बल्कि देहरादून को ऋषिकेश को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राज मार्ग पर यह मनोरंजन पार्क स्थित है। इस पार्क से ऋषिकेश की दूरी लगभग 30 किमी दूर है जबकि हरिद्वार इस पार्क से लगभग 42 किमी दूर है। कुल मिलाकर लच्छीवाला पहुँचने के लिए देहरादून, ऋषिकेश और हरिद्वार से बसों के अलावा कई तरह के वाहन उपलब्ध है। जौलीग्रांट एयरपोर्ट से यह पार्क लगभग 7 किमी के फासले पर है। लच्छीवाला का एक सबसे बड़ा आकर्षण है यहाँ से बहती नदी जिसका ठण्डा पानी गर्मी के मौसम में पर्यटक को तरोताजा कर देता है। यह नेचुरल पार्क देहरादून के पर्यटक स्थलों में सबसे रोचक स्थान हासिल कर चुका है। -वीरेन्द्र देव गौड, पत्रकार, देहरादून।