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‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की एक सुंदर तस्वीर पेश करता है नेशनल गेम : मोदी

देहरादून(सू0वि0 )। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तराखंड के देहरादून में 38वें राष्ट्रीय खेलों का उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आज उत्तराखंड युवाओं की ऊर्जा से जगमगा रहा है। उन्होंने कहा कि बाबा केदारनाथ, बद्रीनाथ और मां गंगा के आशीर्वाद से आज 38वें राष्ट्रीय खेल शुरू हो रहे हैं। उत्तराखंड के गठन के 25वें वर्ष को रेखांकित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि इस युवा राज्य में देश भर के युवा अपनी क्षमता का प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि यह आयोजन ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की एक सुंदर तस्वीर पेश करता है। उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय खेलों के इस संस्करण में कई स्थानीय खेलों को शामिल किया गया था और थीम ‘ग्रीन गेम्स’ थी, क्योंकि इसमें पर्यावरण के अनुकूल वस्तुओं का उपयोग किया गया था। थीम पर आगे विस्तार से बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ट्रॉफी और पदक भी ई-वेस्ट से बने थे और प्रत्येक पदक विजेता के नाम पर एक पेड़ लगाया जाएगा, जो एक शानदार पहल है। उन्होंने सभी एथलीटों को शानदार प्रदर्शन के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने उत्तराखंड सरकार और वहां के लोगों को इस भव्य आयोजन के लिए बधाई दी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस तरह आग में तपकर सोना शुद्ध होता है, उसी तरह खिलाड़ियों को अपनी क्षमताओं को निखारने के लिए अधिक अवसर दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि अब साल भर में कई टूर्नामेंट आयोजित किए जाते हैं और खेलो इंडिया सीरीज में कई नए टूर्नामेंट शामिल किए गए हैं। श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स ने कई युवा खिलाड़ियों को आगे बढ़ने के अवसर प्रदान किए हैं, जबकि यूनिवर्सिटी गेम्स विश्वविद्यालय के छात्रों को कई अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि खेलो इंडिया पैरा गेम्स ने पैरा एथलीटों को अपना प्रदर्शन सुधारने और नई उपलब्धियां हासिल करने में मदद की है। प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि हाल ही में लद्दाख में खेलो इंडिया विंटर गेम्स का 5वां संस्करण चल रहा था और उन्होंने बताया कि पिछले साल बीच गेम्स का आयोजन किया गया था।
श्री मोदी ने कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के प्रयास केवल सरकार द्वारा ही नहीं किए जा रहे हैं, बल्कि कई सांसद अपने निर्वाचन क्षेत्रों में नई प्रतिभाओं को आगे लाने के लिए खेल प्रतियोगिताएं आयोजित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री, जो काशी के सांसद भी हैं, ने बताया कि अकेले उनके संसदीय क्षेत्र में ही हर साल करीब 2.5 लाख युवाओं को खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने का अवसर मिलता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देश में खेलों का एक खूबसूरत गुलदस्ता तैयार किया गया है, जिसमें हर मौसम में फूल खिलते हैं और लगातार टूर्नामेंट आयोजित किए जाते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “खेलों को भारत के समग्र विकास का एक प्रमुख माध्यम माना जाता है”, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जब कोई देश खेलों में उत्कृष्टता हासिल करता है, तो उसकी प्रतिष्ठा और प्रतिष्ठा भी बढ़ती है। इसलिए, उन्होंने कहा कि खेलों को भारत के विकास और उसके युवाओं के आत्मविश्वास से जोड़ा जा रहा है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है और खेल अर्थव्यवस्था इस प्रयास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने कहा कि हर एथलीट के पीछे कोच, प्रशिक्षक, पोषण और फिटनेस विशेषज्ञ, डॉक्टर और उपकरण सहित एक पूरा इकोसिस्टम होता है। श्री मोदी ने उल्लेख किया कि भारत दुनिया भर के एथलीटों द्वारा उपयोग किए जाने वाले खेल उपकरणों का एक गुणवत्तापूर्ण निर्माता बन रहा है। उन्होंने बताया कि मेरठ में खेल उपकरण बनाने वाली 35,000 से अधिक छोटी और बड़ी फैक्ट्रियां हैं, जिनमें 3 लाख से अधिक लोग कार्यरत हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पूरे देश में ऐसे इकोसिस्टम विकसित किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल ही में उन्हें दिल्ली स्थित अपने आवास पर भारत की ओलंपिक टीम से मिलने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि बातचीत के दौरान एक एथलीट ने “पीएम” को “प्रधानमंत्री” की जगह “परम मित्र” के रूप में परिभाषित किया। उन्होंने कहा कि यह भरोसा उन्हें ऊर्जा देता है। उन्होंने एथलीटों की प्रतिभा और क्षमता पर पूरा भरोसा जताया। प्रधानमंत्री ने पिछले 10 वर्षों में उनकी प्रतिभा को बढ़ावा देने पर निरंतर ध्यान केंद्रित करने और पिछले दशक में खेल बजट में तीन गुना से अधिक की वृद्धि पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि टॉप्स योजना के तहत दर्जनों एथलीटों पर सैकड़ों करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि खेलो इंडिया कार्यक्रम देश भर में आधुनिक खेल बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है। श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि स्कूलों में खेलों को मुख्यधारा में लाया जा रहा है और मणिपुर में देश का पहला खेल विश्वविद्यालय स्थापित किया जा रहा है।
इस बात पर जोर देते हुए कि सरकार के प्रयासों के परिणाम जमीनी स्तर पर और पदक तालिका में दिखाई दे रहे हैं, प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारतीय एथलीट हर अंतरराष्ट्रीय आयोजन में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने ओलंपिक और पैरालिंपिक में भारतीय एथलीटों के शानदार प्रदर्शन की प्रशंसा की और कहा कि उत्तराखंड के कई एथलीटों ने भी पदक जीते हैं। उन्होंने खुशी जताई कि कई पदक विजेता प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करने के लिए कार्यक्रम स्थल पर मौजूद थे। श्री मोदी ने कहा कि हॉकी के शानदार दिन लौट रहे हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत की खो-खो टीम ने हाल ही में विश्व चैंपियनशिप जीती है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “जिस तरह एथलीट हमेशा बड़े लक्ष्य रखते हैं, उसी तरह भारत भी बड़े संकल्पों के साथ आगे बढ़ रहा है।” उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत 2036 ओलंपिक की मेजबानी के लिए महत्वपूर्ण प्रयास कर रहा है, जो भारतीय खेलों को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। इस बात पर जोर देते हुए कि ओलंपिक केवल एक खेल आयोजन नहीं है; बल्कि मेजबान देश में कई क्षेत्रों को आगे बढ़ाता है, श्री मोदी ने कहा कि ओलंपिक के लिए बनाए गए खेल बुनियादी ढांचे से रोजगार पैदा होते हैं और भविष्य के एथलीटों के लिए बेहतर सुविधाएं मिलती हैं। उन्होंने कहा कि ओलंपिक की मेजबानी करने वाले शहर में नई कनेक्टिविटी अवसंरचना देखी जा रही है, निर्माण और परिवहन क्षेत्रों को बढ़ावा मिल रहा है और सबसे बड़ा लाभ देश के पर्यटन को हुआ है, जहां नए होटल बनाए जा रहे हैं और दुनिया भर से लोग खेलों में भाग लेने और उन्हें देखने के लिए आ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय खेलों से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा। उन्होंने कहा कि देश के अन्य हिस्सों से दर्शक उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों का दौरा करेंगे, जिससे पता चलता है कि खेल आयोजनों से न केवल एथलीटों को बल्कि अर्थव्यवस्था के विभिन्न अन्य क्षेत्रों को भी लाभ होता है। 21वीं सदी को भारत की सदी बताते हुए श्री मोदी ने बाबा केदारनाथ के दर्शन किए और सहज ही महसूस किया कि यह उत्तराखंड का दशक है। उन्होंने उत्तराखंड की तीव्र प्रगति पर प्रसन्नता व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है, जो बेटियों, माताओं और बहनों के लिए सम्मानजनक जीवन की नींव रखेगा। यह लोकतंत्र की भावना और संविधान के सार को मजबूत करेगा। श्री मोदी ने इसे खेल आयोजन से जोड़ते हुए कहा कि खेल भावना भेदभाव की सभी भावनाओं को दूर करती है। उन्होंने कहा कि हर जीत और पदक सामूहिक प्रयास से हासिल होता है और खेल टीम वर्क को प्रेरित करते हैं। उन्होंने कहा कि यही भावना समान नागरिक संहिता पर भी लागू होती है, जहां कोई भेदभाव नहीं है और सभी समान हैं। उन्होंने इस ऐतिहासिक कदम के लिए उत्तराखंड राज्य सरकार को बधाई दी।
यह देखते हुए कि उत्तराखंड पहली बार इतने बड़े पैमाने पर राष्ट्रीय आयोजन कर रहा है, प्रधानमंत्री ने सराहना की कि यह अपने आप में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जिससे अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे और स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा। उन्होंने आग्रह किया कि उत्तराखंड को विकास के लिए नए रास्ते तलाशने चाहिए, क्योंकि इसकी अर्थव्यवस्था केवल चार धाम यात्रा पर निर्भर नहीं रह सकती। उन्होंने कहा कि सरकार इन तीर्थयात्राओं के आकर्षण को बढ़ाने के लिए लगातार सुविधाएं बढ़ा रही है, जिससे हर सीजन में तीर्थयात्रियों की संख्या नए रिकॉर्ड बना रही है। हालांकि, उन्होंने कहा कि यह पर्याप्त नहीं है। श्री मोदी ने उत्तराखंड में शीतकालीन आध्यात्मिक यात्राओं को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने इस दिशा में उठाए गए नए कदमों पर प्रसन्नता व्यक्त की और इन शीतकालीन यात्राओं का हिस्सा बनने की अपनी इच्छा साझा की। उन्होंने देश भर के युवाओं को सर्दियों के दौरान उत्तराखंड आने के लिए प्रोत्साहित किया, क्योंकि तीर्थयात्रियों की संख्या कम होती है और साहसिक गतिविधियों के लिए कई अवसर होते हैं। उन्होंने सभी एथलीटों से राष्ट्रीय खेलों के बाद इन अवसरों को तलाशने और लंबे समय तक देवभूमि के आतिथ्य का आनंद लेने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि एथलीट अपने-अपने राज्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं और आने वाले दिनों में जमकर प्रतिस्पर्धा करेंगे, राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ेंगे और नए रिकॉर्ड बनाएंगे। उन्होंने उनसे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने का आग्रह किया। इस बात पर जोर देते हुए कि राष्ट्रीय खेल केवल एक खेल प्रतियोगिता नहीं है, बल्कि भारत की विविधता का जश्न मनाने वाले “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” का मंच भी है, श्री मोदी ने एथलीटों को यह सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित किया कि उनके पदक भारत की एकता और उत्कृष्टता को दर्शाएँ। उन्होंने उनसे विभिन्न राज्यों की भाषाओं, व्यंजनों और संगीत के बारे में जानने का आग्रह किया। स्वच्छता के महत्व पर जोर देते हुए, पीएम ने इस बात पर प्रकाश डाला कि उत्तराखंड प्लास्टिक मुक्त बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, और यह लक्ष्य एथलीटों के सहयोग के बिना हासिल नहीं किया जा सकता है। उन्होंने सभी से इस अभियान की सफलता में योगदान देने का आग्रह किया। फिटनेस के महत्व और देश में मोटापे की बढ़ती समस्या पर जोर देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि मोटापा युवाओं सहित सभी आयु समूहों को प्रभावित कर रहा है और मधुमेह और हृदय रोग जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ा रहा है। श्री मोदी ने संतोष व्यक्त किया कि फिट इंडिया मूवमेंट के माध्यम से देश फिटनेस और स्वस्थ जीवन शैली के बारे में अधिक जागरूक हो रहा है। उन्होंने उल्लेख किया कि राष्ट्रीय खेल शारीरिक गतिविधि, अनुशासन और संतुलित जीवन का महत्व सिखाते हैं। प्रधानमंत्री ने नागरिकों से दो चीजों पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया: व्यायाम और आहार। उन्होंने सभी को व्यायाम के लिए हर दिन कुछ समय निकालने के लिए प्रोत्साहित किया, चाहे वह पैदल चलना हो या कसरत करना। उन्होंने संतुलित और पौष्टिक आहार के महत्व पर भी जोर दिया और अस्वास्थ्यकर वसा और तेलों में कमी करने का सुझाव दिया। उन्होंने हर महीने कम से कम 10% तक खाना पकाने के तेल का उपयोग कम करने की सलाह दी, क्योंकि छोटे कदम महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सुधार ला सकते हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि स्वस्थ शरीर स्वस्थ शरीर की ओर ले जाता है।
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि स्वस्थ शरीर से स्वस्थ मन और स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण होता है। श्री मोदी ने राज्य सरकारों, स्कूलों, कार्यालयों और सामुदायिक नेताओं से फिटनेस और पोषण के बारे में जागरूकता फैलाने का आह्वान किया। उन्होंने सभी से उचित पोषण के बारे में अपने व्यावहारिक अनुभव और ज्ञान को साझा करने का आग्रह किया। उन्होंने “फिट इंडिया” बनाने के लिए सामूहिक प्रयास का आह्वान करते हुए समापन किया और सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देते हुए 38वें राष्ट्रीय खेलों की शुरुआत की घोषणा की। कार्यक्रम में उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय राज्य मंत्री श्री अजय टम्टा, श्रीमती रक्षा खडसे सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति

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