मसूरी की सफेद रंगत चुनाव की संगत
-नेशनल वार्ता ब्यूरो-
मसूरी की चोटियाँ सफेद चादर ओढ़ चुकी हैं। बड़ी शालीनता से बादलों की टुकड़ियाँ चोटियों पर पहरा दे रही हैं। बीच-बीच में धुंध भी उठ भी रही है। दून घाटी और मसूरी की चोटियों का नाता बहुत गहरा है। मसूरी की ठिठुरन दून घाटी की सिहरन बढ़ा देती है। चुनाव प्रचार के नारे और लाउडीस्पीकर के चुनावी गीत दून घाटी के भीगे-भीगे वातावरण में चुस्ती पैदा कर रहे हैं। पिछले कुछ रोज में दो बार मसूरी की चोटियों पर हिमपात हो चुका है। दूनवासी घड़ी-घड़ी मसूरी की ओर देख रहे हैं। कल बसंत पंचमी की तैयारियाँ भी चल रही हैं। उत्तराखण्ड में देहरादून राजनीति का भी गढ़ है। यहाँ से राजनीति की दिशा-दशा की संकेत पकड़े जा सकते हैं। देहरादून में पूरे प्रदेश के लोग रहते हैं। इसलिए, पूरे प्रदेश के हालचाल का अंदाजा यहीं से लगाया जा सकता है। शिमला में भी हिमपात हो रहा है। वहाँ की ठण्ड भी यहाँ सीधा असर डालती है। इस समय आकाश भूरे बादलों से अटा पड़ा है और बूँदाबाँदी चल रही है। शाम को फिर हिमपात के आसार हैं। अगर ओलावृष्टि हुई तो ऊधमसिंहनगर और हरिद्वार के जनपदों में काश्तकारों को भारी नुकसान हो सकता है। परन्तु स्थानीय और देश के पर्यटकों के लिए मसूरी का आकर्षण बढ़ गया है।
-सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला (वीरेन्द्र देव), पत्रकार,देहरादून