मुर्मूमय हुआ भारत
admin
07/22/2022
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मोदी जी की मेहनत रंग लाई। मोदी जी जिस नीति पर चल रहे हैं वह भारत के हित में है। भगवान राम अपने बनवास के दौरान जिन लोगों के बीच रहे वे यही हैं जिन्हें आज हम आदिवासी कह कर पुकारते हैं। ये वे लोग हैं जो तब भी जंगलों में रहते थे और इनकी अर्थव्यवस्था जंगल पर निर्भर थी। इसीलिए ये लोग तब मुख्यधारा में नहीं थे। कुछ अनाड़ी और दुराग्रही लोग कहते हैं कि ये लोग आर्य नहीं हैं। सच तो यह है कि ये भी आर्य हैं। भगवान राम भी आर्य थे। देश को तोड़ने और कमजोर करने की साजिश करने वालों में इतिहासकार भी शामिल हैं। इन इतिहासकारों का भण्डाफोड़ होना जरूरी है। ये इतिहासकार और इनके चेले हिन्दू को बाँटकर रखना चाहते हैं ताकि इनके स्वार्थों की पूर्ति होती रहे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी ने सच कहें तो राम बाण चलाया है। इस राम बाण से भारत के कई लोग आहत हैं। ये आहत लोग वे हैं जो भारत को अपना घर नहीं समझते। बल्कि ये लोग भारत को पर्यटन का अड्डा समझते हैं। हालाँकि, माननीया मुर्मू जी की जीत प्रचंड होनी चाहिए थी फिर भी उन्होंने अच्छी जीत हासिल की है। भारत के देशप्रेमी लोग गदगद हैं। मुर्मू जी का महामहिम होना हर हिन्दू के लिए गौरव की बात है। भारत के राम भक्तों के लिए तो यह महागौरव की बात है। प्रधानमंत्री मोदी ने यह काम बहुत बड़ा किया है। इस अच्छे काम से भारत में समरसता बढ़ेगी और भटके हुए हिन्दुओं को अक्ल आएगी। यदि, जगदीप धनखड़ साहब भी जीत जाएं और उप राष्ट्रपति बन जाएं तो बहुत सुखद होगा। जगदीप धनखड़ किसान पृष्ठभूमि के हैं। वे बहुत सज्जन व्यक्ति हैं। उनके अन्दर लेशमात्र भी अहंकार नहीं है। वे प्रखर राष्ट्रभक्त हैं। उनका भी उप राष्ट्रपति बनना तय है। अच्छा होता कि उन्हें निर्विरोध चुन लिया जाता। अगर मुर्मू जी को भी निर्विरोध चुन लिया जाता तो बहुत बढ़िया होता। राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति दोनों देश भक्त होंगे तो राष्ट्र पर इसके दूरगामी असर होंगे। दोनों एक्टिव भी हैं। दोनों ही विनम्र और अनुशासित हैं। प्रधानमंत्री मोदी पल-पल ऐसे काम कर रहे हैं जो देश को स्वस्थ लोकतंत्र की ओर ले जाएंगे । हालाँकि, हर जगह अच्छा कर पाना उनके वश में नहीं है। जिन्हें हम अल्पसंख्यक कह रहे हैं वे वह सब कर रहे हैं जिससे देश में अशांति बढ़ रही है।
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