संदीप और हेमलता की मौत हत्या या हादसा है। पुलिस को इसमें कई ऐसे प्रश्नों के उत्तर खोजने में समय लग सकता है। पुलिस की पहली धारणा भी धोखा खा रही है जब वह घटनास्थल की जांच कर रही है।
कुछ सवाल हैं, जैसे कि दोनों का एक ही स्थान पर पड़ा होना, दोनों शव पानी में डूबे होना, कोई बड़ी चोट नहीं होना और एक ही स्थान से एक साथ गुजरना। जिनके उत्तर खोजना पुलिस के लिए भी मुश्किल हो रहा है।
हादसे की थ्योरी में दिखाई देता है कि
जैसे, पुलिस पहले इसे हादसा समझती है। लेकिन दोनों के शरीर पर कोई स्पष्ट चोट नहीं है। यानी किसी वाहन की टक्कर से दोनों के शरीर की हालत अलग होती। उसने दोनों के शवों को गूल में पड़े देखकर सोचा कि किसी ने उन्हें यहां फेंका है। इसका कारण यह है कि एक कार से टक्कर मारने पर सीधे गूल में गिरना असंभव लगता है।
गूल की दीवारों पर भी गिरने की पूरी संभावना है। लेकिन वहाँ ऐसा कुछ नहीं दिखाई देता। यही नहीं, अगर आप सीधे गूल में गिर गए होते तो यहां लगभग 10 इंच गहरा पानी होता। यदि यानी का सिर नीचे तल में गिरता तो इससे भी बड़ी चोट की संभावना अधिक होती।
संपर्क नहीं होने पर हत्या करने का भी साहस नहीं होता
यह भी एक महत्वपूर्ण प्रश्न है कि दोनों की हत्या कौन और क्यों कर सकता है। इस तरह के मामलों में आमतौर पर एक पक्ष के सदस्यों पर ही शक होता है। लेकिन पुलिस ने दोनों के बीच कोई संपर्क नहीं था जब वे इस प्रश्न का उत्तर खोजने लगे। महिला को अपना फोन भी नहीं है। संदीप हेमलता को घरवालों ने पुलिस को बताया तक नहीं था। ऐसे में हत्या के उस उद्देश्य की तलाश यहां बंद हो जाती है कि कोई एक दूसरे के संबंधों या संपर्कों को सोचकर उनकी हत्या करेगा। अभी भी पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
संदीप से किसी की रंजिश का भी कोई प्रमाण नहीं है।
संदीप ने साढ़े चार साल पहले नौकरी छोड़ दी थी। कुछ समय पहले ही उन्होंने अंबीवाला में एक नया घर बनाया था। थोड़े समय पहले ही उन्होंने संपत्ति का सौदा भी शुरू किया था। लेकिन पुलिस ने जांच की तो किसी जमीन पर कोई विवाद नहीं था। ऐसे में पुलिस को अभी तक कोई रंजिश के संकेत नहीं मिले हैं कि कोई उनकी हत्या करना चाहेगा। संदीप का बेटा और पत्नी घर पर रहते हैं। हालाँकि, उनके ससुराल भी इसी गांव में हैं। उन्हें उनके आसपास के लोग भी नहीं जानते।