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विकासनगर (संवाददाता)। नवरात्र के तीसरे दिन मंदिरों में मां चंद्रघंटा की पूजा अर्चना हुई। भक्तों ने मां से सुख समृद्धि के साथ नकारात्मक चीजों को दूर रखने और सदाचारी होने का वर मांगा। मंदिरों में दिनभर भक्तों की भारी भीड़ लगी रही। हर कोई माता रानी के जयकारे लगाते हुए पूजा अर्चना में लीन दिखाई दिया। चैत्र नवरात्र के तीसरे दिन श्रद्धालुओं ने शिखर पर चंद्र और हाथ में घंटा लिए मां के तृतीय स्वरूप मां चंद्रघंटा की अराधना कर मन्नतें मांगी। मंदिरों के कपाट खुलते ही मां के जयकारे लगाते हुए भक्तों ने मंदिरों में प्रवेश किया। भक्तों ने दीप, धूप, फूल आदि मां को अर्पित कर दुर्गा मां के मनोहारी स्वरूप की पूजा अर्चना की। इस दौरान शंख, घंटे और मां के जयकारों से मंदिर परिसर गूंजायमान बने रहे। मुख्य बाजार स्थित सनातन धर्म मंदिर, लक्ष्मणपुर माता मंदिर, एनफील्ड स्थित दुर्गा मंदिर, जीवनगढ़, अंबाड़ी, डाकपत्थर, हरिपुर, कालसी काली माता मंदिर, भीमावाला, ढकरानी, ढालीपुर, कुल्हाल, हरबर्टपुर, धर्मावाला, प्रतीतपुर, जमनीपुर, जस्सोवाला, बैरागीवाला, लखनवाला, बरोटीवाला, लक्ष्मीपुर, केदारावाला, रुद्रपुर, लांघा, सभावाला, कुंजाग्रांट, मेदनीपुर, सहसपुर, सेलाकुई, झाझरा आदि दुर्गा मंदिरों में दिनभर मां चंद्रघंटा की अराधना को भक्तगण डटे रहे। जमनीपुर मंदिर के पुजारी संदीप गौड़ ने बताया कि संकल्प और नाद की आराध्य के रूप में मां का यह स्वरूप देवी सरस्वती का रूप है। जिसकी अराधना से मनुष्य की हर मनोकानाएं पूर्ण हो जाती हैं। उधर, देर शाम क्षेत्र के अधिकांश मंदिरों में भजन कीर्तन का दौर चला। महिलाओं की कीर्तन मंडली ने मां के भजन गाकर मां को प्रसन्न किया।