-अर्जुन सिंह भण्डारी
देहरादून : आज शनिवार सुबह को भारतीय सैन्य अकादमी में चल रही पासिंग आउट परेड के दौरान अकादमी में प्रवेश करने की ताक में सैन्य अकादमी की बैरिकेडिंग के आसपास मंडरा रहे एक फर्जी लेफ्टिनेंट को मिलिट्री इंटेलिजेंस व एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार बहरूपिया 1/3 गोरखा रेजिमेंट का भगोड़ा सिपाही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आज शनिवार को सम्पन्न हुई पासिंग आउट परेड की सुरक्षा के लिए मिलिट्री इंटेलिजेंस द्वारा भारतीय सैन्य अकादमी की लंबे समय से कड़ी निगरानी बनाई जा रही थी। इसी दौरान आज पीओपी के दौरान तकरीबन साढ़े आठ बजे करीब एमआई कर्मियों द्वारा भारतीय सेना वर्दी पहने एक व्यक्ति अकादमी के आसपास घूमता दिखाई दिया जोकि अकादमी में प्रवेश की ताक में बैरिकेड को लांघने के प्रयास में था। पीओपी के लिहाज से किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की आशंका के चलते एमआई द्वारा त्वरित रिस्पांस करते हुए इसकी जानकारी एसटीएफ से साझा करते हुए संयुक्त कार्यवाही में उस व्यक्ति को बैरीकेडिंग के पास से गिरफ्तार कर लिया। उक्त व्यक्ति द्वारा पैरा रेजिमेंट की लेफ्टिनेंट रैंक की सैन्य वर्दी पहनी हुई। टीम द्वारा गिरफ्तार अभियुक्त से उसकी जानकारी पूछी तो उसने बताया कि उसका नाम सैन्य अधिकारी है और पीओपी देखने आया है। टीम द्वारा उससे दोबारा पूछताछ करने पर उसने बताया कि वह 1/3 गोरखा रेजिमेंट,गढ़ी कैंट में सेवारत है। चूंकि 1/3 गोरखा रेजिमेंट वर्ष 2020 में गढ़ी कैंट से जा चुकी है तो एमआई को उस व्यक्ति पर शक हो गया। जिसके बाद एमआई ने जब उससे सख्ती से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसका नाम जयनाथ शर्मा पुत्र उदयराम शर्मा निवासी ग्राम अरभारवा,तहसील देवपुर,महराजगंज, उत्तरप्रदेश हाल निवासी- मिलान विहार, माजरा, देहरादून बताया। उसके बताये अनुसार वह पूर्व में 1/3 जीआर का भगोड़ा घोषित सिपाही है जो 2017 में गढ़ी कैंट से भाग गया था।
भगोड़ा सिपाही होने के बाद आईएमए में घुसने की मंशा के चलते एमआई व एसटीएफ टीम ने अभियुक्त के मिलान विहार घर की तलाशी ली तो टीम ने उसके घर से सर्विस कार्ड,आधार कार्ड,4 मोबाइल फोन,3 स्टाम्प,पैरा कॉम्बैट यूनिफार्म, नेपाल व अमेरिका की करेंसी समेत फर्जी एडमिट कार्ड,हवाई टिकट बरामद किए है। एमआई व एसटीएफ द्वारा अभियुक्त के घर से बरामद फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्रथम दृष्टया उसके तार सेना में युवाओं को फर्जी रूप से भर्ती करवाने के नाम पर रुपये ठगने वाले गिरोह से होने का अंदेशा जताया है। जिसके बाद टीम द्वारा उसके अन्य साथियों की जानकारी जुटाई जा रही है। अभियुक्त के अनुसार उसने अपने घर वालों व पड़ोसियों को आईएमए में लेफ्टिनेंट की ट्रेनिंग करने की झूठी जानकारी दी है।