राष्ट्रीय राजधानी में मेट्रो से यात्रा करना महंगा हो गया क्योंकि नए किराया ढांचे में न्यूनतम किराया 10 रूपए और अधिकतम 50 रूपए तय किया गया है। किराए को छह श्रेणियों में बांटा गया है, सोमवार से शनिवार तक किराये की नयी संरचना इस प्रकार होगी: दो किलोमीटर तक के लिए दस रूपए, दो से पांच किलोमीटर के लिए 15 रूपए, पांच से 12 किलोमीटर के लिए 20 रूपए, 12 से 21 किलोमीटर के लिए 30 रूपए, 21 से 32 किलोमीटर के लिए 40 रूपए और 32 किलोमीटर से अधिक के सफर के लिए 50 रूपए। स्मार्ट कार्ड का इस्तेमाल करने वाले यात्रियों को सबसे व्यस्त समय सुबह छह से आठ बजे, दोपहर 12 से शाम पांच बजे और रात नौ बजे के बाद 20 प्रतिशत की छूट प्राप्त होगी। रविवार एवं राष्ट्रीय अवकाश (26 जनवरी, 15 अगस्त और दो अक्तूबर) को हर किराया श्रेणी में 10 रूपए की छूट प्राप्त होगी। एक अक्तूबर से इसमें और बढ़ोतरी के साथ अधिकतम किराया 60 रूपए किया जाएगा। दिल्ली मेट्रो रेल कॉपरेरेशन (डीएमआरसी) ने किराया निर्धारण समिति की सिफारिशों को मंजूरी देते हुए आठ मई को मेट्रो के किराए में वृद्धि की घोषणा की थी। डीएमआरसी का कहना है कि सात साल बाद किराया बढ़ाया गया है जो कि बिजली की दर में वृद्धि, श्रमशक्ति भार एवं रखरखाव का खर्चा बढऩे के मद्देनजर जरूरी है। मेट्रो के एक अधिकारी ने बताया ”हालांकि इससे रातों रात मुनाफा नहीं होगा लेकिन इससे कंपनी के परिचालन अनुपात में वृद्धि को रोका जा सकेगा जो फिलहाल 84 रूपये के आसपास है। मेट्रो के राजस्व निदेशक केके सबरवाल ने बताया कि इसका मतलब है कि दिल्ली मेट्रो हर 100 रूपये की कमाई पर 84 रूपये परिचालनों में खर्च करता है।