देहरादून (सू वि)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बुधवार को सैन्यधाम में शहीद परिजनों का सम्मान किया। वह देहरादून के सैन्यधाम पहुंचे और शहीदों के आंगन की मिट्टी पर पुष्पांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में देहरादून के २०४ शहीद परिजनों को सम्मानित किया गया। इस दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने आज से चार साल पहले कहा था कि उत्तराखंड में चार धाम हैं। एक पांचवा धाम सैन्य धाम होना चाहिए। यह जो काम शुरू हुआ है, जल्दी से जल्दी पूरा होना चाहिए। उत्तराखंड वीरों की धरती है। यह शौर्य पराक्रम की भूमि है। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि उत्तराखंड की धरती और पानी मे जरूर कोई बात है कि अगर इस राज्य को अलग किया जाए तो कोई समस्या नहीं होगी। इस दौरान राजनाथ सिंह ने तमिलनाडु में हुए आमी हेलीकॉप्टर हादसे में घायल ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के निधन पर दुख व्यक्त किया और दो मिनट का मौन रखा। इसके बाद उन्होंने कहा कि वह भी अब हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की। रक्षा मंत्री ने भाजपा के दिवंगत विधायक हरबंस कपूर के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि भी दी।
शहीद वही हो सकता है, जिसके लिए राष्ट्र सर्वोपरि
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री की उपब्लिधों को गिनाया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की तारीफ की। राजनाथ सिंह ने पड़ोसी देशों को भी दो टूक चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि १७३४ शहीद परिवारों के आंगन की मिट्टी लेकर उत्तराखंड में सैन्य धाम बनेगा। शहीद वही हो सकता है, जिसके लिए राष्ट्र सर्वोपरि होता है। छोटे मन के लोग यहां काम नहीं कर सकते। जब भारत में ब्रिटिश साम्राज्य था तो १४ और १८ साल के युवाओं ने हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूम लिया था। वह राष्ट्र भावना थी। चंद्रशेखर आजाद ने २६ साल में, अशफाक उल्ला खान ने २३ साल की उम्र में बलिदान दिया था। जब अशफाक से पूछा गया कि अंतिम इच्छा क्या है तो उन्होंने कहा कि मेरी मां को यह संदेश भिजवा देना कि आज उसका बेटा फांसी के तख्ते पर खड़ा होकर शादी कर रहा है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि इस सैन्यधाम में इतने शहीदों के आंगन की मिट्टी लाना कोई आसान काम नहीं है। जब मैं मिट्टी को यहां पुष्प अर्पित कर रहा था तो मैंने उसे अपने माथे पर लगाया। उत्तराखंड की महान परंपरा के वाहक जनरल बिपिन रावत के जाने से हमारे देश की बहुत बड़ी क्षति हुई है। यह बेहद दुखद है। अपनी बड़ी जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए वह प्रयत्न कर रहे थे। वह सबके दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे।
कहा कि पीएम मोदी ने बाबा विश्वनाथ को गौरवमयी स्वरूप प्रदान किया है। भारत अपनी संस्कृति से जुड़ा रहे, यह हमारा ध्येय है। कहा कि यह सैन्य धाम केवल एक भवन या स्मारक तक सीमित न हो, बल्कि सभी शहीदों के नाम यहां दीवारों पर अंकित किए जाए। यहां ऑनलाइन भी श्रद्धांजलि की सुविधा होनी चाहिए। ताकि देश के दूसरे कोने में बैठा भारतीय भी श्रद्धांजलि अर्पित कर सके। ४० साल से वन रैंक-वन पेंशन की मांग की जा रही थी, लेकिन मोदीजी ने पीएम बनते ही इसे लागू कर दिया। अब शार्ट सर्विस कमीशन से सेवानिवृत्त अधिकारी भी अपनी रैंक का इस्तेमाल कर सकते हैं। दिसंबर के अंत तक या जनवरी के शुरू तक पूर्व सैनिकों के लिए कुछ और घोषणाएं की जाएंगी। पूर्व सैनिकों की पेंशन के मामले अब लटके नहीं रहेंगे।
हम दुश्मन को इस पार ही नहीं उस पार भी जाकर मार सकते हैं
रक्षामंत्री ने अपने संबोधन में पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि पड़ोसी देश कुछ न कुछ नापाक हरकतें करता रहता है। हम दुश्मन को इस पार ही नहीं उस पार भी जाकर मार सकते हैं। पहले अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की बात को गंभीरता से नहीं लिया जाता था, अब लिया जाता है। कहा कि पीएम ने गतिशक्ति मास्टर प्लान का उद्घाटन किया है, जिसकी लागत १०० लाख करोड़ है। इससे देश मे इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत हो सकेगा। पिछले पांच साल में उत्तराखंड में विकास हुआ है, इसे कोई नकार नहीं सकता। आज सबसे बड़ी चुनौती कनेक्टिविटी की समस्या थी। रेल, रोड और हवाई कनेक्टिविटी की दिशा में काम हुआ है। ऑल वेदर रोड पर जो रुकावट थी, अब दूर हो गई है। ऑल वेदर रोड गढ़वाल और कुमाऊं को और करीब लाएगी। पर्यटन की दृष्टि से, आध्यात्मिक दृष्टि से कनेक्टिविटी मजबूत हुई है। मैं उत्तराखंड सरकार को बधाई देता हूं। पहले त्रिवेंद्र रावत और अब पुष्कर सिंह धामी ने सराहनीय काम किया है। ऑल वेदर रोड का सामरिक दृष्टि से भी बहुत महत्व है।कहा कि सीमा पर रहने वाले नागरिक स्ट्रेटेजिक असेट्स हैं।
नेपाल से हमारे रोटी बेटी के रिश्ते
राजनाथ सिंह ने कहा कि नेपाल से हमारे रोटी बेटी के रिश्ते हैं। सांस्कृतिक रिश्ते हैं। कुछ ताकतें ऐसी हैं जो इस रिश्ते को खराब करना चाहती है। भले ही हमें शीश झुकाना पड़े, लेकिन अपने पड़ोसी नेपाल से रिश्ते को टूटने नहीं दिया जाएगा।तिब्बत से भी हमारे रिश्ते बेहतर रहे हैं। १६ दिसंबर १९७१ को हमारे सैनिकों के पराक्रम की वजह से पड़ोसी मुल्क के सैनिकों ने सरेंडर किया था। भारत अब मजबूत भारत बन रहा है। अगर हमारे देश की तरफ कोई आंख उठाने की कोशिश करेगा तो हम मुंह तोड़ जवाब देंगे। पीएम मोदी ने रक्षा मामले में भी भारत को आत्मनिर्भर बनाने का काम किया। आज हम दुनिया के ७२ देशों को सैन्य सामान निर्यात कर रहे हैं। पहले हम ६५ से ७० फीसदी सैन्य सामान दूसरे देशों से मांगते थे, लेकिन अब यहीं बनाते हैं।
हम देहरादून से नाइट विजन डिवाइस अगले साल तक दुनिया को निर्यात करना शुरू करेंगे। रक्षा मंत्री ने कहा कि जब पिछली बार मैं आया था तो मैंने कहा था कि धामी धाकड़ बल्लेबाज हैं। अब मैं यह कह सकता हूं कि धामी धाकड़ बल्लेबाज होने के साथ ही तेज गेंदबाज भी हैं। २०२४ में उत्तराखंड की स्थापना के २५ साल पूरे होंगे। तब ऐसे हालात होने चाहिए कि विकास का जश्न भी हम मना सकें।
उत्तराखंड राज्य को लेकर जनरल रावत के थे बहुत सपने
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि रक्षा मंत्री स्वयं एक किसान पुत्र हैं। वह सैनिकों, पूर्व सैनिकों की भावनाओं से भलीभांति परिचित हैं। संबोधन के दौरान उन्होंने जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि अर्पित की। कहा कि जनरल रावत के उत्तराखंड राज्य को लेकर बहुत सपने थे। हमारी सरकार उनके सारे सपनों के अनुरूप उनकी सभी आकांक्षाओं को पूरा करेगी। यह सैन्य धाम हमारी सरकार पूर्ण मनोयोग से बनाएगी। यह देशभर के युवाओं को राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करेगा। यह सैन्य धाम हमेशा वीरों का स्मरण कराएगा। सैन्य परिवार से आने के कारण उनके संघर्ष को मैं भलीभांति समझ सकता हूं। पहले के समय मे सीमापार से जब गोली आती थी तो सेना को जवाब देने के लिए इंतजार करना पड़ता था। पीएम मोदी ने सेना को यह छूट दी है कि गोली का बदला गोली से तुरंत दिया जाए।
चुनाव के समय कांग्रेस को याद आ रहे सैनिक और शहीद
इस दौरान सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा सरहद पर खड़े रखवालों को, इस देश के पहरेदारों को मेरा सलाम है। सैन्य धाम पीएम मोदी की परिकल्पना और मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट है। देश की सेना का १७.५त्न पूर्ति उत्तराखंड करता है। छह माह के अंदर हमारे ६० जवान शहीद हुए हैं। हमारी सरकार ने निर्णय लिया है कि देश की सीमा पर कोई भी हमारे उत्तराखंड का जवान शहीद होगा तो हम उसके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देंगे। वहीं सैनिक विश्राम गृह और शहीद द्वार के लिए अलग बजट जारी किया गया है। वन रैंक-वन पेंशन ने पूर्व सैनिकों को सम्मान बड़ा दिया है। ६३ करोड़ की लागत से जब यह सैन्य धाम बन जाएगा तो देशभर के लोग इसे देखने आएंगे। कांग्रेस को अब तक शहीदों की याद नहीं आई। अब चुनाव के समय उन्हें सैनिक और शहीद याद आ रहे हैं। भाजपा चुनाव को देखकर नहीं, बल्कि दिल से लगातार काम करती है।
प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक कहा कि ने सैन्य धाम में सीडीएस जनरल बिपिन रावत के नाम पर द्वार बनाया जा रहा है। इसके लिए उन्होंने राजनाथ सिंह का आभार जताया। रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि हर शहीद के साथ हमारा देश खड़ा है। दो तीन साल पहले पीएम मोदी ने सैन्य धाम की जो परिकल्पना की थी, वह आज साकार हो रही है। कहा कि हाल ही में हुए एक सर्वे में यह तथ्य सामने आया है कि आज हम सैन्य साजो-सामान को एक्सपोर्ट करने वाली सूची में शीर्ष २५ में आ गए हैं।
कार्यक्रम में सीएम पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट, विस अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत और टिहरी सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह भी मौजूद रहीं।
उत्तराखंड का पांचवां धाम
सैन्यधाम के रूप में उत्तराखंड का पांचवां धाम विकसित किया जा रहा है। जिसमें प्रदेश के शहीदों की यादों को संजोकर रखा जाएगा। सैन्यधाम के लिए १७३४ शहीदों के आंगन की मिट्टी को लाया गया है। जिसे अमर जवान ज्योति की बुनियाद में लगाया जाएगा। सैन्यधाम के शहीद द्वार का नाम सीडीएस जनरल बिपिन रावत के नाम पर रखा जाएगा। ६३ करोड़ की लागत से बनने वाले सैन्यधाम में शहीद जसवंत सिंह और हरभजन सिंह के मंदिर बनाए जाएंगे। धाम में अमर जवान ज्योति, म्यूजियम, थियेटर, गन, टैंक प्रमुख आकर्षण का केंद्र होंगे। १५ नवंबर २०२१ को चमोली के स्वाड गांव से शहीद सम्मान यात्रा शुरू की गई थी। जिसका गुनियाल गांव में आज बुधवार को समापन होगा। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट और सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस यात्रा का शुभारंभ किया था। शहीद सम्मान यात्रा के जरिये ९५ ब्लॉकों के १७३४ शहीद परिवारों से संपर्क कर उनके आंगन की मिट्टी को पवित्र कलश में यहां लाया गया है। ५० बीघा में बनने वाला धाम दो साल के भीतर बनकर तैयार हो जाएगा। यहां भी अखंड ज्योति प्रज्वलत रहेगी।
सैन्यधाम के लिए रास्ते का मामला सुलझा
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि सैन्यधाम के लिए रास्ते के मामले को सुलझा लिया गया है। करीब चार सौ मीटर तक अन्य लोगों को भी रास्ते पर अधिकार दिया जाएगा। जबकि इसके आगे का रास्ता सैन्यधाम का निजी रास्ता होगा। मंत्री ने कहा कि रास्ते में अन्य लोगों की साढ़े आठ बीघा जमीन आ रही है। इसके बदले उन्हें दूसरी जगह जमीन दी जाएगी। इसके लिए उन लोगों की सहमति ले ली गई है।