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ग्रामीण औद्योगिक पार्क के उत्पादों को अच्छा बाजार दिलाने पर दिया जाए ध्यान: बघेल

-उत्पादों की ब्रांडिंग और विक्रय के लिए अमेजान, फ्लिपकार्ड जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का हो उपयोग

-स्थानीय हाट बाजार, सी-मार्ट, बिलासा, शबरी इम्पोरियम, संजीवनी केन्द्र, थोक विक्रेता के जरिए होगा ग्रामीण औद्योगिक पार्क के उत्पादों का विक्रय

-गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट छानने की मशीन उपलब्ध कराने के निर्देश

 

रायपुर (जनसंपर्क विभाग)।

मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने कहा है कि प्रदेश के गौठानों के ग्रामीण औद्योगिक पार्क में तैयार होने वाले उत्पादों को अच्छा बाजार दिलाने के लिए उत्पादों की गुणवत्ता, उचित कीमत और मार्केटिंग पर विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि उत्पादों की बिक्री बढ़े और इसका अधिक से अधिक फायदा स्व-सहायता समूहों को मिले। मुख्यमंत्री ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में ये निर्देश दिए। उन्होंने बैठक में गौठानों को महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क में विकसित करने के लिए किए जा रहे कार्याें, गोधन न्याय योजना, सी-मार्ट और मुख्यमंत्री रेशम मिशन के कार्याें की समीक्षा की।

बैठक में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्र कुमार, उच्च शिक्षा मंत्री  उमेश पटेल, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री बघेल ने बैठक में कहा कि गांव की जरूरत के अनुसार उत्पाद तैयार करने तथा जिन चीजों की खपत स्थानीय स्तर पर हो सकती है, उनका उत्पादन प्राथमिकता के आधार पर करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने गौठानों में तैयार उत्पादों की ब्रांडिंग और उनके विक्रय के लिए अमेजान, फ्लिपकार्ड जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गौठानों में विभिन्न आयमूलक गतिविधियों में संलग्न लोगों को आवश्यकतानुसार प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की जाए।

बैठक में जानकारी दी गई कि गौठानों में 12 हजार 176 स्व-सहायता समूह काम कर रहे हैं, जिनमें 83 हजार 874 महिलाएं सदस्य हैं। इन समूहों को अब तक विभिन्न गतिविधियों से लगभग 65 करोड़ 18 लाख रूपए की आय प्राप्त हो चुकी है। स्व-सहायता समूह वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन, सामुदायिक बाड़ी, मशरूम उत्पाद, मुर्गी पालन, मछली पालन, बकरी पालन के साथ-साथ गोबर से दीया, गमला, अगरबत्ती बना रहे हैं। इसके साथ ही साथ सेनेटरी पेड, बैग निर्माण, फेंसिंग पोल, एलईडी बल्ब, पेपर ब्लाक निर्माण जैसी गतिविधियां भी गौठानों में संचालित की जा रही है। वर्तमान में गौठानों में 79 तेल मिल, 177 दाल मिल, 364 आटा मिल, 939 मिनी राईस मिल स्थापित की है। जिले के प्रत्येक विकासखण्ड में कम से कम दो-दो गौठानों का चयन ग्रामीण औद्योगिक पार्क विकसित करने के लिए किया गया है। बैठक में बताया गया कि ग्रामीण औद्योगिक पार्क के तहत गौठानों में स्व-सहायता समूहों के साथ बेरोजगार युवा, इच्छुक पुरूष- महिला और तृतीय लिंग के उद्यमी विभिन्न गतिविधियां संचालित करने के लिए पात्र है। ग्रामीण औद्योगिक पार्क में उत्पादित वस्तुओं का विक्रय स्थानीय हाट बाजार, सी-मार्ट, शबरी इम्पोरियम, संजीवनी केन्द्र, थोक विक्रेता, प्राईवेट कम्पनी और शासकीय कार्यालयों में किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने गोधन न्याय योजना की समीक्षा के दौरान सभी गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट छानने के लिए मशीन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना से डेयरी उद्योग को लाभ हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग कर रहे हैं, आने वाले समय में इसकी मांग बढ़ेगी, इसलिए वर्मी कम्पोस्ट का अधिक से अधिक उत्पादन किया जाना चाहिए।

कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि गौठानों में लगभग 19 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया गया है, जिसका किसानों को विक्रय किया जा रहा है। वर्तमान में लगभग 3 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट बचा है। बैठक में बताया गया कि आवर्ती चराई के 1300 गौठानों में से 619 में गोबर में खरीदी प्रारंभ हो गई है, यहां लगभग 82 हजार क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है, आवर्ती चराई के 159 गौठानों में जल्द ही गोबर की खरीदी प्रारंभ होगी।

नानगूर में ककून बैंक की स्थापना

मुख्यमंत्री ने रेशम मिशन समीक्षा के दौरान कहा कि बस्तर में नैसर्गिक ककून के संग्रहण और धागा बनाने के कार्य में बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों को आय और रोजगार का साधन उपलब्ध कराया जा सकता है। बैठक में जानकारी दी गई कि बस्तर जिले के नानगूर में वन विभाग द्वारा ककून बैंक की स्थापना की गई है। वन विभाग द्वारा नैसर्गिक रैली ककून का स्थानीय लोगों से समर्थन मूल्य पर क्रय किया जा रहा है। 740 हितग्राहियों को धागा बनाने का प्रशिक्षण दे दिया गया है। इन्हें धागाकरण मशीन भी दी जाएगी। नानगूर में 5 करोड़ 70 रूपए की लागत से आधुनिक वेट रीलिंग यूनिट स्थापित करने की परियोजना स्वीकृति के लिए केन्द्रीय सिल्क बोर्ड को भेजा गया है। रैली ककून का संग्रहण 01 मार्च से 30 अप्रैल तथा 01 अगस्त से 15 अक्टूबर तक किया जाता है।

बिलासा प्रीमियम शॉप में 4.90 लाख के हैण्डलूम वस्त्रों की बिक्री

बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि रायपुर के छत्तीसगढ़ पंडरी हाट में 10 जून 2022 को प्रारंभ किए गए बिलासा हैण्डलूम के प्रीमियम प्रोडक्ट के एम्पोरियम में 11 जुलाई तक 4 लाख 90 हजार रूपए के वस्त्रों का विक्रय किया गया है। इस प्रीमियम शॉप में छत्तीसगढ़ के बुनकरों द्वारा तैयार टसर सिल्क और कॉटन की साड़ियां, स्टोल, ड्रेस मटेरियल, फर्नीशिंग एवं रेडिमेड के हैण्डलूम वस्त्रों का डिस्प्ले और विक्रय किया जा रहा है।

हायर सेकेण्डरी सह आईटीआई सर्टिफिकेट कम्बाइन कोर्स में 3101 विद्यार्थी अध्ययनरत

छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन की समीक्षा के दौरान बताया गया कि युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ में हायर सेकेण्डरी कोर्स के साथ 11 ट्रेडों में प्रारंभ किए गए आईटीआई सर्टिफिकेट कोर्स में 3101 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर 111 विकासखण्डों में 114 आईटीआई में यह कोर्स संचालित है, इसमें विद्यार्थी 12वीं के साथ-साथ आईटीआई की पढ़ाई भी कर रहे हैं। इन विद्यार्थियों को कोर्स पूरा होने पर 12वीं बोर्ड परीक्षा के सर्टिफिकेट के साथ आईटीआई का सर्टिफिकेट भी प्रदान किया जाएगा।

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