करीब तेइस सौ साल पहले
सम्राट अशोक ने
उन्नीस सौ सैंतालीस से पहले के
लगभग पूरे भारत को
अपनी भुजाओं के पराक्रम से
एकता के सूत्र में बाँधा था
मौलवी ममता एलर्जी।
तब न तो तुम्हारा प्यारा मजहब
कट्टरता से भरा इस्लाम था
और न ही ईसाई धर्म का कोई अता-पता था।
तुम जानती हो मौलवी ममता एलर्जी
अपने राज्य बंगाल मे तुम
कट्टर मुस्लिम पंथ को
बात-बात पर लगाती हो गले,
हिन्दओं को शैतान कहकर
बात-बात पर लताड़ती हो भले,
पर अब तुम्हारे गुनाओं का घड़ा
भर चुका है
तुम धरती के सबसे पराक्रमी हिन्दू राजा
सबसे दयालु सबसे सहिष्णु हिन्दू राजा
सम्राट अशोक को नीचा दिखाने का मंसूबा
पाल रही हो मौलवी ममता एलर्जी।
एक औरत होकर तुमने
तीन तलाक बिल को लताड़ा
अब सम्राट अशोक की ऐतिहासिक महान निशानी
अशोक स्तम्भ पर
खिसियानी बिल्ली की तरह
चला रही हो अपने नापाक पंजे।
मौलवी ममता एलर्जी
तुम आईएस आईएस ज्वाइन कर लो
तुम भारत के खिलाफ अघोशित जिहाद छेड़े हो
कम ऑन मौलवी ममता एलर्जी
अब दिल में दबी जिहाद की आग को दबाओ मत
इसे घोषित कर ही डालो।
Virendra Dev Gaur
Chief-Editor