कोलकाता । पिछले कई साल से देश के शहरों और कस्बों की स्वच्छता रैंकिंग से दूर रहने के बाद अब पश्चिम बंगाल सरकार ने वर्ष 2018 में नरेंद्र मोदी सरकार के इस महत्वकांक्षी मिशन में शामिल होने का फैसला किया है। हालांकि राज्य की ममता बनर्जी सरकार ने इसमें एक बदलाव किया है। राज्य ने इसका नाम मिशन निर्मल बंगला रखा है। आवास और शहरी विकास मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि स्वच्छ सर्वेक्षण के तहत अन्य राज्यों के साथ पश्चिम बंगाल के शहरों और कस्बों का आंकलन शुरू हो गया है। यह आंकलन 10 मार्च तक पूरा हो जाएगा और इसी साल परिणाम भी जारी होगा। बंगाल के शहरी विकास मंत्री फिर हद हकीम ने कहा, ‘हम इस कॉम्पिटिशन में हिस्सा ले रहे हैं लेकिन अपने मिशन निर्मल बंगला के तहत। हमें आशा है कि हम अपने शहरों और ग्रामीण इलाकों की स्वच्छता तथा ग्रामीण जनता को शौचालय की सुविधा देने में अन्य राज्यों को पीछे छोड़ देंगे। पश्चिम बंगाल के ग्रामीण इलाकों में शौचालय का निर्माण केंद्र के स्वच्छ भारत अभियान के तहत हुआ था। इससे पहले पश्चिम बंगाल ने वर्ष 2013-14 में स्वच्छता रैंकिंग में हिस्सा लिया था और राज्य के हालीसहर को 10 सबसे स्वच्छ शहरों की सूची में जगह मिली थी। वर्ष 2015 में इसके परिणाम जारी हुए थे।