बुधवार को पूछताछ में एसपी के बेटे को रौंदने वाले रईसजादों ने बहुत कुछ बताया। दावा किया कि जब वे होड़ लगा रहे थे, उन्होंने सोचा था कि अगर कोई उनके रास्ते में आ गया तो वे उसे उड़ा देंगे लेकिन ब्रेक नहीं लगाएंगे। सार्थक ने देवश्री को बताया और उसने ऐसा ही किया। दोनों सड़क किनारे स्केटिंग कर रहे छोटे नामिश को रौंदते हुए चले गए। यूवी को रोकने की कोशिश नहीं की।
पूर्वी एडीसीपी सैयद अली अब्बास ने गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ में कहा कि वे रात में सीसीटीवी फुटेज में गाड़ी नंबर नहीं देखा होगा। पुलिस उन तक नहीं पहुंच सकेगी। सार्थक के पिता, सपा नेता रविंद्र सिंह, दोनों को बचाने में सक्षम होंगे अगर वह पहुंचेगी भी। दोनों ने पहले घर जाकर दुर्घटना की सूचना दी। दूसरी ओर, रविंद्र ने भी उनको बचाने की कोशिश की। यह स्पष्ट है कि आरोपियों ने पूछताछ में कहा कि वह ब्रेक नहीं मारते, भले ही कुछ भी होता। पुलिस अत्यंत कठोर कार्रवाई साक्ष्यों पर कर रही है।
उम्मीद नहीं थी…भोर में कोई सड़क पर स्केटिंग कर रहा होगा
हादसा हुआ था जब SUV चल रहा था। उसने पुलिस को बताया कि भोर में उस सड़क पर कोई इस तरह से स्केटिंग कर रहा होगा या दौड़ लगा रहा होगा। वह सिर्फ एक्सीलेटर दबाए रहा। उन्होंने कहा कि रफ्तार इतनी तेज थी कि कोई दिखाई नहीं देता था। टक्कर लगने पर पता चला कि किनारे चल रहा था कोई मर गया था।
स्केटिंग करने वालों पर शिकंजा कस सकता है
जनेश्वर मिश्र पार्क के गेट नंबर 6 पर स्केटिंग सिखाने वाले बहुत से लोग हैं। जिस तरह से सड़क पर नामिश की प्रैक्टिस करवा रहे थे, उसमें कोच की लापरवाही दिखाई दी। मुख्य कोच अपने एक साथी को नामिश की प्रैक्टिस करवा रहा था। वह खुद को नाबालिग बताया जा रहा है। उसके खिलाफ भी पुलिस तैयार है। इसलिए, उसके परिवार के सदस्यों से उसकी जन्मतिथि का विवरण मांगा गया है। वहाँ सिखाने वाले सभी शिक्षक को पुलिस नोटिस मिलेगा। पूर्वी एडीसीपी ने कहा कि मुख्य सड़क या सर्विस लेन पर स्केटिंग करने पर कार्रवाई की जाएगी।