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किसानों को कर्जमाफी का अनुमान: अब तक बेमेतरा में 80 हजार 834 क्विंटल धान खरीदी गई, जो धान की खरीदी में धीमी वृद्धि का संकेत है।

धान खरीदी इस वर्ष 1 नवंबर से 21 नवंबर तक छत्तीसगढ़ राज्य के कृषि प्रधान जिले बेमेतरा में धीमी है। कर्जमाफी की उम्मीद इसकी सबसे बड़ी वजह है। वास्तव में, विधानसभा चुनाव के दौरान कर्ममाफी का ऐलान किया गया है। इसलिए किसान अपना धान बेचने नहीं आ रहे हैं।

किसान मोहित साहू, यशवंत पटेल और दीपक वर्मा ने बताया कि अगर वे धान बेचने जाएंगे तो उनका कर्ज भी कट जाएगा। यही कारण है कि वे दिसंबर तक धान बेचने का इंतजार कर रहे हैं। 21 नवंबर शाम 6 बजे तक, 2 हजार 746 किसानों ने जिले में 12 हजार 538.96 क्विंटल धान बेचा है। वहीं, 1 नवंबर से 21 नवंबर तक, 17 हजार 29 किसानों ने 80 हजार 834.64 क्विंटल धान बेच दिए हैं। 1 लाख 58 हजार 529 किसान जिले में धान बेचने वाली सहकारी समितियों में पंजीकृत हैं। पिछले वर्ष 1 लाख 53 हजार किसानों ने पंजीयन कराया था, जिनके पास 1 लाख 83 हजार 242 हेक्टेयर जमीन थी।

जो इस वर्ष 1 लाख 85 हजार 928 हेक्टेयर बढ़ा है। धान की खरीद का लक्ष्य इस वर्ष 802842 मैट्रिक टन है। पिछले वर्ष का लक्ष्य 679187 मैट्रिक टन था। इसके साथ ही जिले में धान खरीदने वाले स्थानों से धान की आपूर्ति शुरू हो गई है। अब खरीदी केंद्रों में धान रखने के लिए जगह की कमी नहीं रहेगी क्योंकि उठाव हो गया है।

कलेक्टर ने धान खरीदने वाले स्थान का निरीक्षण किया

मंगलवार को, बेमेतरा कलेक्टर पीएस एल्मा ने 2023–2024 के खरीफ विपणन के धान खरीद का निरीक्षण किया। उन्हें गुणवत्ता के बारे में पता चला, खरीदी केंद्र, पंजीकृत किसानों की संख्या, फड़ की व्यवस्था, धान खरीदी की दर और समिति की तैयारी का जायजा लिया। केंद्र में बनाई जा रही पंजी को देखा। कलेक्टर एल्मा ने स्पष्ट रूप से कहा कि किसी भी परिस्थिति में धान खरीदने में कोई बाधा नहीं होनी चाहिए। अवैध धान परिवहन को रोकें। धान खरीदने में कोई समस्या नहीं होगी।


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