B. of Journalism
M.A, English & Hindi
सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला द्वारा रचित-
Virendra Dev Gaur Chief Editor (NWN)
दो टूक-दो टूक-देशवासियो निशाना लगाओ अचूक
कश्मीर की शान्त माटी में
जिहाद का मजहबी बीज
वैसे तो सदियों पहले था पड़ गया
किंतु इस मजहबी बीज को
1906 में दोबारा था शातिर तरीके से बोया गया
जब मुस्लिम लीग का नन्हा बच्चा
देश में नफरत लेकर पैदा हुआ
जब यह बच्चा लड़का हुआ
तब जिन्नाह की इसको मिली दुआ
अब तो जिहादिस्तान में बैठी है इसकी बुआ
फारुक और महबूबा जैसों का जिहाद ‘दिल’ हुआ
किंतु भारत इसको पहचानते-पहचानते दोस्तो बूढ़ा हुआ।
आपको गलत बताया जाता है दोस्तो
केवल जी टी वी न्यूज चैनल को छोड़कर
किसी को दोस्तो फुर्सत नहीं
इतिहास की गहराइयों में किसी को रुचि नहीं
मीडिया के इस हल्केपन पर देश को
भयानक रोष आता नहीं।
बहरहाल, हमको पढ़ने वालो
हे! दयालू हे! कृपालू हमको बता
सीमा पर शहादतें हो रहीं तो
इसमें मोदी जी की क्या है खता
दिसम्बर 1989 से लेकर 21 अप्रैल 1997 तक
जो जिहाद का जलजला कश्मीर में आया
देश की मजबूर सरकारों ने इस दौर में
महज तमाशबीन का ‘रोल’ था निभाया
पुश्तैनी कश्मीरियों को घाटी से था भगाया।
भाइयो और प्यारी बहनों
आपकी समझ में कुछ आया
अफगानिस्तान से तब के सोवियत रूस ने
अपनी फौजों को था हटाया
जिहादिसतान के प्यारे तालिबानों ने तब
अफगानिस्तान पर था कब्जा जमाया
इन्हीं तालिबानियों को जिहादिस्तान ने
कश्मीर घाटी में था घुसाया
दिल्ली की कमजोर दिल सरकारों को
कांग्रेस का मिलता रहा सहारा
कभी तो कांग्रेस का ही सितारा दिखा बेसहारा
कश्मीर जिहादिस्तान का अखाड़ा बन गया सारा।
बताओ प्यारे देशवासियो
वैसी ही कमजोर दिल और मौकापरस्त सरकारों का
क्या फिर युग लाओगे
या फिर छप्पन इंची छाती वाले को
हाथ जोड़कर चौकीदार बनाओगे
और देश-विदेश में भारत माता का परचम लहराओगे।
(देश के ये सितारे कश्मीर कर गये जिहादियों के हवाले, बाजपेयी जी 16 दिन रहे पीएम इसलिए वे दोषी नही)
जय भारत जय जवान जय किसान