सोमवार को आयकर विभाग ने झारखंड में कई स्थानों पर छापेमारी की। देवघर और जसीडीह में रियल एस्टेट कंपनियों में छापेमारी की गई। टैक्स चोरी के मामले में यह छापेमारी की गई थी। पश्चिम बंगाल के कोलकाता में भी आयकर विभाग ने छापेमारी की। झारखंड में टैक्स चोरी का खुलासा हुआ है। आयकर विभाग का अनुमान है कि यह कर चोरी प्रति वर्ष लगभग 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक की है।
आयकर अधिकारियों ने आयकर चोरी का पता लगाने के लिए ऑल इंडिया जीएसटी, आयकर वसूली और टैक्स जीडीपी अनुपात के आंकड़ों का उपयोग किया है। झारखंड सकरार को वित्तीय वर्ष 2022–2023 में जीएसटी से 18491 करोड़ रुपये मिले। वहीं राज्य को आयकर से सिर्फ 8640 करोड़ रुपये मिले। इस बड़े अन्तर से स्पष्ट है कि राज्य में आयकर चोरी हो रही है। झारखंड का टैक्स-जीडीपी अनुपात भी काफी कम है। झारखंड का टैक्स-जीडीपी अनुपात 6.7 प्रतिशत है, जबकि पूरे देश में 11.8 प्रतिशत है।
झारखंड में इस मामले में आयकर विभाग ने कई बार छापेमारी की है। आयकर विभाग ने पिछले साल के अंत में झारखंड में स्टील कारोबारियों के स्थानों पर छापेमारी की थी। जिसमें रांची, गिरिडीह और देवघर में ३० से अधिक जगह छापे मारे गए थे।