-नेशनल वार्ता ब्यूरो-
उत्तर रेलवे के मुख्यालय मुरादाबाद पर अवैध वैण्डरों की मनमानी जोर-शोर से चल रही है। अवैध वैण्डरों की इस मनमानी को आरपीएफ का वरदहस्त बताया जा रहा है। आरपीएफ की मिलीभगत से ही अवैध वैण्डर मुख्यालय के रेलवे स्टेशन पर धड़ल्ले से खाद्य और पेय सामग्री बेच रहे हैं। यह सामग्री मिलावटी बताई जा रही है। जिसके चलते वैध ठेकेदारों को भारी घाटा हो रहा है और यात्रियों के स्वास्थ्य से भी खिलवाड़ हो रहा है। यह सब मुख्यालय की नाक की नीचे होना हैरतअंगेज है। इसी के चलते सूत्रों का दावा है कि रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) ऊपरी कमाई के लिए रेलवे विभाग को भी परोक्ष रूप से चूना लगा रही है। वैध ठेकेदार जहाँ रेलवे विभाग के प्रति जिम्मेदार होते हैं वहीं अवैध वैण्डरों पर किसी का नियंत्रण नहीं होता। आरपीएफ मोटी कमाई के लालच में इस स्तर तक गिर गई है कि ये अवैध वैण्डर घटिया माल को ऊँची कीमतों पर बेंच रही हैं। अधिकतर यात्रियों को इस गोलमाल का एहसास तक नहीं हो पा रहा है कि न केवल उनकी गाढ़ी कमाई को लूटा जा रहा है बल्कि उनकी सेहत पर भी बुरा असर पड़ रहा है। रेलवे परिसर पर लगे सीसीटीवी कैमरे इस लूटमार की फर्स्ट हैंड गवाही दे सकते हैं बशर्ते रेलवे विभाग अपनी नींद से जागे और अपने दावों और वादों के अनुसार ग्राहकों यानि यात्रियों के जीवन की सुरक्षा करे।
विदित रहे कि वैण्डरों को भी उनका हक मिलना चाहिए किन्तु रेलवे विभाग इन्हें नियंत्रित करने के लिए मानक तय करे। जिसके चलते वैध ठेकेदारों को हानि न हो और वे गुणवत्ता के साथ खाद्य और पेय सामग्री यात्रियों को उपलब्ध करा सकें। आरपीएफ की गतिविधियों पर विभाग को नियंत्रण रखना पड़ेगा। यदि यह खबर सही है तो इससे यह साबित हो रहा है कि आरपीएफ इस लूटमार का हिस्सा हैै। यदि आरपीएफ अपने दायित्वों को लेकर मुस्तैद है तो फिर कोई बात नहीं। नाम न बताने कि सूरत में इन गतिविधियों से जुड़े कुछ लोगों ने इस लूटपाट पर अपना आक्रोश जताया है लेकिन वे अभी खुलकर सामने नहीं आना चा रहे हैं। बहरहाल यात्रियों की सेहत से इस तरह के खिलवाड़ की खबर यदि थोड़ा भी सही है तो संबंधित अधिकारियों को तत्काल जाँच बैठा देनी चाहिए ताकि इस कथित फर्जीवाडे़ का सच सामने आ सके। चौंकाने वाला तथ्य यह है कि वैण्डर चाहे वैध हों या अवैध वे बेचारे मेहनत तो पूरी कर रहे हैं और उनकी इस अवैध कमाई का एक बड़ा हिस्सा आरपीएफ की जेब में जा रहा बताया जा रहा है। जिसके चलते इन सब धांधलियों पर विराम लगे ताकि मासूम यात्रियों के साथ हो रहा अन्याय तत्काल समाप्त हो।