डेरों की भरमार है
हनी प्रीत की बहार है
कलियुग का क्या कहना
सन्त गुरुमीत भगवान का अवतार है।
गुरुमीत के चरणों में
दंडवत सरकार है
क्यों मचा हाहाकार है
खटृर की मानो रे
बाबा गुरुमीत अवतार है
बाबा के माफीनामों में
क्यों दिखता तुम्हे बलात्कार है ।
दिल्ली में मोदी जी की सरकार है
हरियाणा में हाहाकार है
खटट्र को खच्चर कहने वालो
तुम्हे कोटि-कोटि धिक्कार है ।
नारियों की इज्जत पर हमले तो
इनका अधिकार है
फिर क्यों हाहाकार है
अच्छे दिनों पर तो सबका अधिकार है
‘‘समझते क्यों नहीं तुम’’
पंजाब-हरियाणा के सच्चे-अच्छे डेरों में वोटों की भरमार है।
राम रहीम हों या रामपाल
दुनियादारी का चमत्कार है
‘गुरूर ब्रहृमा गुरूर विष्णु’
फिर मचा क्यों हाहाकार है
क्या होता है बलात्कार
ये तो गुरुजनों का प्यार है।
गुरुओं के डेरों पर
भक्तों की बहार है
सतयुग की हार है
कलियुग का उपहार है
आशा राम बापू पर हुआ अत्याचार है
जीवन की तमाम रंगीनियों पर
इन अमीर बाबाओं का अधिकार है।
डेरों ट्रस्टों स्कूलों के अन्दर-बाहर
बलात्कार ही बलात्कार है
चारों तरफ शोषण-अत्याचार है
पर सरकारों को कोसना बेकार है
इनकी दिव्य-दृष्टि में ये तो संसार है
जिस मानव का दिल बेज़ार है
उसका जीना बेकार है
ऋषि मुनि सन्तो का सार है
हनी प्रीत के बिना जीना बेकार है।
स्वामी विवेकानन्द और स्वामी दयानन्द का जो व्यवहार है
वह तो अब भारत की सीमाओं के पार है
एक बाबा दूसरे बाबा का लगता यार है
दौलत शोहरत ऐशोआराम इनका अधिकार है
खटट्र-खटराग यारो समझ से पार है
लगता है इन्सानियत वालो
उचित-अनुचित का झंझट बेकार है।
दसों दिशाओं में छाई कलियुग की वसन्त-बहार है
हनीप्रीत अब दरस दिखाओ
राधे माँ के अवतार में आओ
बस एक बार हरियाणा की भगत सरकार को
स्वीट-स्वीट धन्यवाद तो कहती जाओ।
virendra dev gaur
( chief editor)