पंजाब (फिरोजपुर)। चुनावी राज्य पंजाब के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में बुधवार को उस वक्त गंभीर चूक की घटना हुई, जब फिरोजपुर में कुछ प्रदर्शनकारियों ने उस सड़क मार्ग को अवरुद्ध कर दिया जहां से उन्हें गुजरना था। इस वजह से प्रधानमंत्री एक फ्लाईओवर पर 20 मिनट तक फंसे रहे। घटना के बाद प्रधानमंत्री दिल्ली लौट गए। वह न तो किसी कार्यक्रम में शामिल हुए और ना ही दो साल के बाद राज्य में अपनी पहली रैली को ही संबोधित कर सके।
इस घटना पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पंजाब सरकार से इस चूक के लिए एक रिपोर्ट मांगी और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई को कहा जबकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री के दौरे में सुरक्षा प्रक्रिया में इस तरह की लापरवाही पूरी तरह से अस्वीकार्य है और इसके लिए जवाबदेही तय की जाएगी। 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले हुए इस घटनाक्रम को लेकर देश की राजनीति में एक नया ही विवाद हो गया जब भारतीय जनता पार्टी ने इसे भूतपूर्व कहते हुए एक साजिश करार दिया और दावा किया कि कांग्रेस के च्खूनी इरादे नाकाम रहे।
कुछ अन्य दलों ने कानून व व्यवस्था का सवाल उठाते हुए राज्य सरकार पर हमले भी किए। हालांकि, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने बीजेपी को आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई और इसके पीछे कोई राजनीतिक मंशा नहीं थी। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि उनकी सरकार किसी भी जांच को तैयार है। दिल्ली में कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सूरजेवाला ने भाजपा पर पलटवार किया और दावा किया कि प्रधानमंत्री ने फिरोजपुर की रैली को इसलिए स्थगित किया क्योंकि वहां भीड़ ही नहीं थी। उन्होंने कहा कि भाजपा को आत्मचिंतन की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने भी दावा किया कि चूंकि रैली स्थल पर भीड़ नहीं थी इसलिए इस प्रकार की राजनीति हो रही है। मोदी दिल्ली से सीधे हवाई मार्ग से बठिंडा पहुंचे। मौसम अनुकूल ना होने की वजह से सड़क मार्ग से वह हुसैनीवाला स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक के लिए रवाना हो गए। उनका काफिला जब फिरोजपुर-मोगा सड़क मार्ग पर स्थित पियारियाना गांव के निकट पहुंचा कुछ प्रदर्शनकारियों ने उस रास्ते को अवरूद्ध कर दिया जहां से प्रधानमंत्री को गुजरना था और इस वजह से उन्हें १५ से २० मिनट तक एक फ्लाईओवर पर इंतजार करना पड़ा।
फिरोजपुर के उपमहानिरीक्षक इंदरबीर सिंह ने बताया कि करीब १०० की संख्या में किसान अचानक उस मार्ग पर पहुंच गए और सड़क को अवरुद्ध कर दिया। इसके मद्देनजर निर्णय लिया गया कि प्रधानमंत्री के काफिले को बठिंडा एयरपोर्ट की ओर वापस ले जाया जाए क्योंकि फलाईओवर की दूसरी तरफ प्रदर्शनकारी जमा होने लगे थे और इसकी वजह से प्रधानमंत्री की सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकता था। प्रदर्शनकारी किसानों ने अन्य स्थानों मसलन तरन तारन, फरीदकोट और अमृतसर पर भी सड़क मार्ग को अवरुद्ध कर दिया था।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के बयान के मुताबिक प्रक्रिया के अनुसार, राज्य सरकार को च्लॉजिस्टिक्सज् व सुरक्षा के साथ-साथ आकस्मिक योजना को तैयार रखते हुए इस सम्बन्ध में आवश्यक व्यवस्था करनी होती है। आकस्मिक योजना को ध्यान में रखते हुए, पंजाब सरकार को सड़क मार्ग से किसी भी यात्रा को सुरक्षित रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात करने चाहिए थे, जिन्हें स्पष्ट रूप से तैनात नहीं किया गया था। बयान के मुताबिक इस सुरक्षा चूक के बाद, बठिंडा हवाई अड्डे पर वापस लौटने का निर्णय लिया गया। गृह मंत्रालय ने इस गंभीर सुरक्षा चूक का संज्ञान लेते हुए पंजाब सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
मुख्यमंत्री चन्नी ने दावा किया कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में अचानक परिवर्तन किया गया क्योंकि तय कार्यक्रम के मुताबिक वह एक हेलीकॉप्टर के माध्यम से फिरोजपुर तक पहुंचने वाले थे। चन्नी ने प्रधानमंत्री के राज्य के दौरे से बीच में ही दिल्ली लौटने पर खेद जताया लेकिन साथ ही दावा किया कहा कि उनकी सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई। उन्होंने चंडीगढ़ में कहा, च्प्रधानमंत्री को उद्घाटन के लिए जाना था और एक राजनीतिक रैली को संबोधित करना था। हमें खेद है कि रास्ता अवरुद्ध किए जाने के कारण उन्हें वापस जाना पड़ा। आखिरकार, वह देश के प्रधानमंत्री हैं। हम उनका सम्मान करते हैं। एक लोकतांत्रिक व्यवस्था और संघीय व्यवस्था है।
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