★मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन कोल्हान प्रमंडल के चाईबासा में आयोजित ‘आपके अधिकार-आपकी सरकार आपके द्वार’ कार्यक्रम के तहत आयोजित मेगा ऋण, परिसंपत्ति, अनुदान और नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में शामिल हुए
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★इस अवसर पर कोल्हान प्रमंडल के पश्चिमी सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां के 5 लाख 34 हजार 752 लाभुकों के बीच 14 अरब 43 करोड़ से अधिक राशि की परिसंपत्तियों का वितरण हुआ
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★ सरकार आई है आपके द्वार, ताकि मजबूत किसान, समृद्ध गांव और ग्रामीण अर्थव्यवस्था सशक्त हो
★हम राज्य को अपने हाथों से मिलकर संवारेंगे
★सभी दिव्यांग की पहचान कर उन्हें पेंशन देगी सरकार
…हेमन्त सोरेन, मुख्यमंत्री
रांची(नेशनल वार्ता ब्यूरो)। झारखण्ड के नौजवान राज्य को मान-सम्मान के साथ आगे बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। युवाओं को सरकार हर तरह से रोजगार और व्यापार में सहयोग करेगी। सरकार का संकल्प है। झारखण्ड की आने वाली पीढ़ी, कृषक, श्रमिकों के चेहरे पर मुस्कान हो। मेरा मानना है कि ग्रामीणों को सरकारी व्यवस्था के प्रति थोड़ी निराशा होती है। उस निराशा को मिटाने और विश्वास जगाने के उद्देश्य से सरकार आपके द्वार आई है। ताकि जरूरतमंदों को योजनाओं से आच्छादित किया जा सके। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने के लिए जनभागीदारी जरूरी है। आज सुदूर गांव तक पदाधिकारी पहुंच रहें हैं, जिससे ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान उनके द्वार पर हो सके। देश के अन्य राज्य अपनी परंपरा संस्कृति के साथ आगे बढ़ रहें हैं। हमें भी तेजी से आगे चलना होगा, नहीं तो पीछे छूट जाएंगे। आप सभी से आग्रह है आगे आएं और योजनाओं का लाभ लें। ये बातें मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कही। मुख्यमंत्री कोल्हान प्रमंडल के चाईबासा में आयोजित ‘आपके अधिकार-आपकी सरकार आपके द्वार’ कार्यक्रम के तहत आयोजित मेगा ऋण, परिसंपत्ति, अनुदान और नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में बोल रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा संक्रमण काल से झारखण्ड बाहर निकल रहा है। संक्रमण के दौरान राज्य को दिशा देने की कार्ययोजना बनी। इसका प्रतिफल है। सरकार आपके द्वार योजनाएं लेकर आई है, जहां चंद मिनटों में समस्या का समाधान हो रहा है। झारखण्ड वीरों की भूमि है। यहां के आदिवासी, मूलवासी, जल, जंगल और जमीन की रक्षा एवं लोगों के अधिकारों के लिए वीर सपूतों को खुद को कुर्बान कर दिया। उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। उनके सपनों को पूरा करने के लिए सरकार जरूरतमंदों के दरवाजे तक पहुंच रही है।