वेद पुराण स्मृति गीता महाभारत
रच गए ऋषि मुनि ज्ञानी तपस्वी समाज-सुधारक
चिंतन मनन दर्शन ज्ञान-सुधा संसार हित-कारक
पूज्य गऊ-गरिमा हेतु सब रहे एकमत नत-मस्तक यह जान हृदय होए सुख-सागर।
गऊ माता बैल वध निषेध कर गए श्री ऋग्वेद पाँच हजार साल पहले
गायों की उन्नति हृदय-मन से चाहते रहे श्री अथर्ववेद मानवता के चितेरे
भगवान श्री कृष्ण घोषित कर गए स्वयं को कामधेनु कहे श्री मद्भगवद्गीता जानें बहुतेरे
चौपायों में सर्वश्रेष्ठ जीव बता रहे भीष्मपर्व में श्री महाभारत पहले विश्व युद्ध के दस्तावेज गर्वीले
सत्य शुचिता न्याय सामाजिक समरसता के वाचक सजीले
गौओं को बार-बार प्रणाम करने की शिक्षा दे रहे श्री विष्णुस्मृति
गौदान करे उद्धार पीढ़ियों का समझा रहे श्री याज्ञवल्क्यस्मृति
किंतु भारत माँ के महान हिन्दू-सभ्यता से बिछड़े नर-नारियो समझो नहीं बस यही इति।
हमारे बीच साक्षात विराजमान हैं श्री गोपाल मणि गऊ-दर्शन ज्ञाता सदियों में एक
धेनु शास्त्री ज्ञानी-विज्ञानी राम कथा वाचक अनुपम विचारक सर्वश्रेष्ठ
गौ-माता प्रतिष्ठा स्थापना के प्रखर राष्ट्र भक्त भगीरथ-हठी सन्त विशेष
गऊ गरिमा जन-जागरण के इतिहास पुरुष ‘‘गऊचरित मानस’’ के भगवान तुलसीदास युग श्रेष्ठ
आपके पावन चरणों की धूल से धन्य-धन्य उत्तराखंड धन्य भारत माँ पाकर ऐसा पुत्र रत्न ओजस्वी वेश।
ऋषि मुनि ज्ञानी हिन्दू सन्त और ग्रन्थ
कह रहे गऊ माता की महिमा अनन्त
गऊ-बैल वध पर लगाओ पहरे पाबंद
धीरे-धीरे जीव-हत्या कर दो बन्द
खान-पान रहन-सहन शाकाहार सर्वोत्तम विधान
धरती को मिलकर समृद्ध-सुखी करें हम सब धरती की संतान
हे भारतवासी याद रख हम श्री राम-श्री कृष्ण आदि शंकराचार्य महान की धरोहर विवेकवान।
Virendra Dev Gaur
Chief Editor (NWN)