मनोहर पर्रिकर की मनोहर लीला
मनोहर पर्रिकर जी स्वर्ग से आपने देखा होगा
आपको तसल्ली का अनुभव हुआ होगा
राफेल की गर्जना को आपने ध्यान से सुना होगा
जिस सपने को आप साकार करने में जुटे थे
उसके पहले चरण की सफलता पर आपको अच्छा जरूर लगा होगा।
मोदी जी ने तय किया लक्ष्य
कमर कस लेने की दी होगी आपको सलाह जब
जुट गए थे आप उखाड़ फेंकने को रुकावटें सब
दूर हुईं एक-एक कर अड़चनें तब
आज बाहें फैलाए खड़ा था नभ
भारत की धरती पर रखे राफेल ने पग
दोनों दुश्मनों का आत्म-विश्वास हुआ डगमग
भारत की तैयारियों का लोहा मान रहा है जग
बाज की तरह बेजोड़ है यह धातु का बना शिकारी खग।
आपके बाद मोर्चा सँभाला था निर्मला सीतारमन जी ने
मसले को आगे बढ़ाया था जी-जान से उन्होंने
फिर आए राजनाथ जी ऐक्शन में
खुश है पूरा देश रिएक्शन में
पाँच राफेल फिलहाल सुस्ता रहे हैं अम्बाला के हैंगर में
चीरकर हवा की छाती झपटेंगे दुश्मनों पर रण में
दुश्मनो, जीयो तुम खुलकर अपनी खुशफहमियों में
हमें तो तुम्हे सबक सिखाना है पूरी दुनिया के हित में।
भारत के दुश्मनों के बनकर हाथ का खिलौना
राजनीतिक दलों ने भारत के मचाया शोर घिनौना
राफेल के रास्ते में जमकर लगाए अड़ंगे
संसद के अन्दर तक बार-बार किए पंगे
इन्हीं राजनेताओं के कारण रक्षा सौदे बने रहे धंधे
बिचौलियों का रहा बोलबाला स्वार्थो में रहे ये अंधे
हिम्मत दिखाई मोदी सरकार ने 2014 के बाद
पाठको, कृपया करो इस बात को याद
अब हो रहे हैं तेजी से तीनों सेनाओं के मजबूत कंधे।
मनोहर पर्रिकर जी की याद का ताजा होना
उनकी छल-रहित मुस्कान का बिखरना
उनकी सरलता और ईमानदारी का ध्यान करना
मेहनती स्वभाव पर उनकी हमारा गर्व करना
राष्ट्रीय सोच पर उनकी देशप्रेमियों का फिदा होना
रुलाता है उनका हमसे यों जुदा होना।
सौगन्ध खाकर कहें हम उनकी
मंत्रालयों से लेकर गाँव के प्रधान तक
मिटा देंगे रिश्वतखोरी का नामोनिशान
ताकि सुकून पा सकें मजदूर से लेकर किसान
आइए बनाएं हम रिश्वतखोरों को इन्सान
नये भारत का सबसे असरदार निशान।
विदेशी एजेन्टों की राजनीतिक दलों में है भरमार
जिनके कारण सेनाओं की शक्ति पर पड़ती है मार
पिछले छह सालों में हुई है खूब भरपाई
अस्त्र-शस्त्र में लग रही है देश की पाई-पाई
रक्षा सौदों में बिचौलियों की हो रही है सफाई
2014 के बाद तीनों सेनाओं ने नई धार है पाई
देश के लोगों को मानना होगा नई बहार है आई
2004 से 2014 तक तीनों सेनाओं से की गई बेरहम-बेवफाई।
-सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला, स्वतंत्र पत्रकार, देहरादून।