बागेश्वर (संवाददाता)। शहर और सटे गांवों में गुलदार के आतंक से जिला प्रशासन भी आतंकित हो गया है। लोगों की दहशत को कम करने के लिए रविवार की रातभर तीन टीमों ने नगर के विभिन्न हिस्सों में गश्त की। एक स्थान पर गुलदार के पंजे के निशान मिले हैं। डीएफओ ने नगर के आसपास दो गुलदार होने की पुष्टि की है। हालांकि गश्त कर रही टीम को गुलदार दिखाई नहीं दिया। द्यांगण में मासूम करन को निवाला बनाने वाले गुलदार को बेहोश करने के लिए वन विभाग अल्मोड़ा की टीम जुटी हुई है। डिप्टी रेंजर रवींद्र ङ्क्षसह मेहता के नेतृत्व में टीम ने द्यांगण और उसके आसपास के इलाके को रातभर छान मारा लेकिन उन्हें गुलदार कहीं भी नजर नहीं आया। वहीं जिला प्रशासन, वन विभाग, पुलिस और राजस्व विभाग की तीन संयुक्त टीमों ने भी द्यांगण, नदीगांव, नुमाइखेत, कलक्ट्रेट आदि स्थानों पर गश्त की। एसडीएम राकेश चंद्र तिवारी ने बताया कि टीमें लगातार गश्त कर रही हैं। मचान बनेगा वन विभाग गुलदार के पंजे और मल की जांच में जुटा हुआ है। अभी मचान कहा बनेगा निष्कर्ष नहीं निकाल पाया है। शिकारी लखपत ङ्क्षसह के आने के बाद मचान आदि बनाने पर मंथन होगा। वन विभाग ने पोस्टर चिपकाएं सोमवार को वन विभाग की टीमों ने नगर के बस स्टेशन, टैक्सी स्टैंड और सार्वजनिक स्थलों पर पोस्टर चिपकाएं। जिसमें गुलदार से बचने के उपाय लिखे गए हैं। लोगों से आग्रह किया जा रहा है कि वे सुबह-शाम बच्चों को घर से अकेले बाहर नहीं भेजें। खेतों में झुंड बनाकर काम करें और झुंड में एक व्यक्ति को खड़ा रखें। गुलदार को ट्रैकूलाइज करना प्राथमिकता में है। यदि टीम को कामयाबी मिल गई तो उसे अभ्यारण छोड़ा जाएगा। यदि वह कब्जे में नहीं आया तो उसे मार गिराने की कोशिश की जाएगी। वन विभाग की टीमें लगातार गश्त कर रही है।
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